भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गरीबों को न्यूनतम आय देने के साथ ही किसानों को सहायता देने की योजना लागू करने पर सोच रही है।
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नई दिल्ली। पहले सामान्य वर्ग के गरीब लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को लोकसभा में विपक्ष द्वारा भी समर्थन दिए जाने के बाद अब मोदी सरकार एक और कदम उठाने जा रही है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गरीबों को न्यूनतम आय देने के साथ ही किसानों को सहायता देने की योजना लागू करने पर सोच रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार गरीबी रेखा से नीचे के लोगों (बीपीएल) और किसानों के हित में योजना लाने वाली है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सरकार बीपीएल के लिए 2,500 रुपये प्रतिमाह की न्यूनतम आय (यूनिवर्सल बेसिक इनकम-यूबीआई) और किसानों को प्रत्यक्ष निवेश सहायता के जरिये मदद दे सकती है।
यह रकम भोजन और एलपीजी सब्सिडी जैसी अन्य सेवाओं को बंद करके सीधे उनके (जरूरतमंदों) के खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। सरकार का मानना है कि यूबीआई की रकम ग्रामीण क्षेत्रों में पांच लोगों के एक परिवार की खाद्य आवश्यकताओं के आधे हिस्से का ध्यान रखने योग्य होने के साथ ही शहरी गरीबों की एक तिहाई जरूरतों को पूरा करेगी। उम्मीद है कि सरकार अप्रैल-जून 2019 के लिए इसपर 32 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी।
सूत्रों ने कहा कि लाभार्थियों की वास्तविक संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि भारतीय रिजर्व बैंक राष्ट्रीय खजाने में कितना धन ट्रांसफर करती है। एक अनुमान के मुताबिक देश की कुल आबादी का 27.5 फीसदी हिस्सा गरीबी रेखा से नीचे का है।
वर्ष 2017 के आर्थिक सर्वेक्षण ने यूबीआई योजना को ‘सैद्धांतिक रूप से एक आकर्षक विचार’ और गरीबी कम करने के लिए केंद्रित सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का एक संभावित विकल्प माना था। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के घोषणा-पत्र में भी यूबीआई की ईशारा किया गया था जिसमें पार्टी ने कहा कि वो न्यूनतम आय के आंकड़े तब बता सकेगी, “जब उसे पता चल जाए कि लाभपात्रों की विभिन्न स्रोतों से आय कितनी है और वो कितना सरकारी फायदा लेता है।”
वहीं, देश की कुल आबादी में से 47 फीसदी की आबादी यानी किसानों के लिए सरकार तेलंगाना की रायथु बंधु योजना को लागू करना चाहती है जिसमें एक एकड़ से कम जमीन जोतने वाले किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ या फिर इस अनुपात में जितनी जमीन उसके पास है, रकम दी जाएगी। यह रकम रबी और खरीफ की फसलों के दौरान दी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि किसानों को दी जाने वाली रकम खाद, बीज आदि पर मिलने वाली सब्सिडी को बंद करके दी जाएगी। इस योजना का पूरा खाका जुलाई में शुरू होने वाली फसल की शुरुआत के साथ ही सामने आ सकेगा।
इतना ही नहीं सरकार एक एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को 1 लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण देने की संभावना तलाशने वाली भी योजना बना रही है।