तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हो गया है, लेकिन सरकार के सामने चुनौती है कि इसे राज्यसभा में पास कराए। राज्यसभा में विपक्ष के पास बहुमत है यही कारण है कि मोदी सरकार के लिए यहां बड़ी मुश्किल है। पहले ही विपक्ष ने एकजुट होकर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखकर इस बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग की है। वहीं आज सुबह विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के चेंबर में लगभग सभी विपक्षी दलों ने बैठक कर रणनीति बनाई और इस मुद्दे पर सरकार को मात देने का फैसला किया है। कांग्रेस (Congress) सहित 11 अन्य पार्टियों ने प्रवर समिति को भेजने की मांग पर हस्ताक्षर किए हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने भी इस मुद्दे पर बैठक की। सरकार बिल को पास कराने की पूरी कोशिश कर रही है लेकिन सरकार के लिए मुश्किलें काफी बढ़ गई है क्योंकि उसके सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड ने भी संकेत दिए हैं कि वे वोटिंग के दौरान सदन से वॉकआउट कर सकता है जबकि सरकार का कई मुद्दों पर साथ देने वाली एआईडीएमके भी इस मुद्दे पर सरकार के साथ नहीं दिख रही है लोकसभा में जब यह बिल पास किया गया था तो एआईडीएमके ने सदन से वॉकआउट किया था अब देखना है कि सरकार इस मुद्दे से कैसे निपटेंगी।