NGT का बड़ा बयान: रेप-मर्डर से छोटा अपराध नहीं प्रदूषण फैलाना, हर साल होती हैं लाखों मौतें
विवादित ट्वीट
रॉय ने लिखा, ‘हिन्दी शिक्षा को लेकर जारी विरोध यह कोई बहुत बड़ा नहीं। जो लोग हिन्दी का विरोध कर रहे हैं उसकी पीछे राजनीतिक कारण है। असम,महाराष्ट्र और ओडिशा भी गैर-हिंदी वाले राज्य हैं। लेकिन ये राज्य हिन्दू काविरोध नहीं करते। वहीं पश्चिम बंगाल में हिंदी का यह विरोध ये बोलकर किया जा रहा है कि यह विद्यासागर, विवेकानंद, रबिंद्रनाथ टैगोर और नेताजी (सुभाषचंद्र बोस) की धरती है।’
अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘इन महान लोगों और विपक्षियों के बीच हिंदी के विरोध करने को लेकर क्या संबंध है? उन्हें कौन समझाएगा कि इन हस्तियों का एक युग था जो कि अब नहीं रहा। इसी के साथ बंगाल का गौरव भी चला गया। अब बंगाली लड़के हरियाणा से केरल तक घरों में पोंछा लगाते हैं और बंगाली लड़कियां मुंबई में बार डांसर हैं।’
ट्वीट पर बंगाल में बवाल
बता दें कि गवर्नर के ट्वीट्स के बाद पश्चिम बंगाल में हंगामा मच गया। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने मेघायल के गवर्नर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन दिया। हालांकि तथागत रॉय ने अपने ट्वीट पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी बतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय और त्रिभाषा फॉर्म्युले की सिफारिश की गई थी। साथ ही ड्राफ में यह भी सिफारिश की गई थी कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों में भी अंग्रेजी और स्थानीय भाषा के अलावा हिंदी को भी अनिवार्य किया जाए। हिन्दी की अनिवार्यता की बात के बाद तमिलनाडु की पार्टियों डीएमके और एआईएडीएमके ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके बाद सरकार को अपनेड्राफ्ट में बदलाव करना पड़ा। बता दें कि हिन्दी की अनिवार्यता को लेकर अभिनेता और राजनेता कमला हासन नें भी विरोध जताया था।