क्या नमामि गंगे भी एक जुमला ही थाः सुरजेवाला उन्होंने कहा, ‘मोदी जी कहते हैं मां गंगा मुझे बुला रही है लेकिन गंगा नदी का प्रदूषण अब 2014 से भी ज्यादा बढ़ गया है। अब तक गंगा की सफाई के लिए 22 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए लेकिन अब तक इसका एक चौथाई भी इस्तेमाल नहीं हुआ। क्या नमामि गंगे भी एक जुमला ही था?’
मंगलवार को त्याग दिया था जल उल्लेखनीय है कि स्वामी सानंद 22 जून से ही गंगा स्वच्छता के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे। इसी हफ्ते मंगलवार से उन्होंने जल का भी त्याग कर दिया था। उन्हें अनशन स्थल हरिद्वार से जबर्दस्ती उठाकर ऋषिकेश के एम्स में भर्ती कराया गया था। बुधवार को पुलिस और प्रशासनिक टीम भी मौके पर पहुंची थी लेकिन सानंद ने कहा था कि वे मानसिक रूप से स्वस्थ हैं और प्रशासन को उन्हें अनशन से उठाने का कोई अधिकार नहीं है।
कई संस्थाएं लगा चुकी हैं सरकार को फटकार गौरतलब है कि देश में नदियों की स्वच्छता अरसे से बड़ा मुद्दा रही है। खासतौर से गंगा नदी की सफाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी जैसी संस्थाएं भी कई बार सरकार को फटकार लगा चुकी है। उमा भारती और नितिन गडकरी जैसे मौजूदा सरकार के दिग्गज मंत्री भी गंगा की स्वच्छता को लेकर बड़े बयान दे चुके हैं। हालांकि हालात जस के तस ही बने हुए हैं।