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तेज ने छोटे भाई को दी नसीहत
तेज प्रताप ने कहा कि तेजस्वी के इस्तीफे की मांग का विरोध करता हूं। मैंने आसपास के लोगों से सावधान रहने को कहा था, लेकिन पार्टी में मेरी कोई भी बात नहीं सुनी गई। हार की जिम्मेदारी उन्हें लेनी चाहिए जिन्होंने टिकट बांटे थे और जो चुनाव लड़े थे। तेज प्रताप ने कहा कि 2019 के चुनाव नतीजों को लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है। 2020 का विधानसभा चुनाव आपके नेतृत्व में लड़ा जाएगा और पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी।
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तेजस्वी का इस्तीफा नहीं है समाधान
गौरतलब है कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से आरजेडी को एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं हुई हैं। जिसके बाद तेजस्वी यादव के इस्तीफे की मांग उठने लगी। हालांकि बैठक में आरजेडी नेताओं ने तेजस्वी को इस्तीफा नहीं देने को कहा है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे से कोई बदलाव नहीं हो सकता । बता दें कि पार्टी के विधायक ने तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांग की थी।
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वंशवाद की राजनीति खत्म होनी चाहिए
सोमवार को आरजेडी नेता महेश्वर यादव ने मांग की थी कि इस हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यादव ने कहा था, जनता अब वंशवाद की राजनीति से परेशान हो चुकी है। ऐसे कई विधायक हैं जो खुद को पार्टी के भीतर घुटन महसूस कर रहे हैं। तेजस्वी अगर इस्तीफा नहीं देंगे तो आने वाले समय में मैं खुद बड़ा निर्णय लूंगा।
विधायक ने तेजस्वी से मांगा इस्तीफा
वहीं आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने हार का ठीकरा लालू यादव के दोनों बेटों पर फोड़ा है। रघुवंश प्रसाद ने कहा कि चुनाव के दौरान तेज और तेजस्वी के बीच जारी तनातनी को लेकर आरजेडी की हार हुई है। प्रसाद ने कहा है कि तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच चली लड़ाई ने मतदाता को सोचने पर मजबूर कर दिया। यही नहीं कार्यकर्ताओं में इसको लेकर सही मैसेज नहीं गया, नतीजा पार्टी को करारी हार झेलना पड़ी। इस शिकस्त के लिए तेज बंधुओं पर कार्रवाई होनी चाहिए।