सबसे दिलचस्प मुकाबला नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय सीट पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बनाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के बीच माना जा रहा है। दोनों के लिए यह सीटें नई हैं। हांलाकि दोनों ही पार्टियों के इन नेताओं का व्यापक जनाधार है। दोनों नेताओं के बीच कड़ी प्रतिद्वंदिता देखी जा चुकी है। हरीश रावत जब मुख्यमंत्री थे, तब अजय भट्ट नेता प्रतिपक्ष थे। राज्य के दोनों दिग्गज नेताओं को 2017 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना भी करना पड़ा था।
वैज्ञानिकों की सफलता पर देश को गर्व, DRDO ने दुनिया को बताया हम भी कुछ कम नहीं: पीएम मोदी इसके अलावा पौड़ी संसदीय क्षेत्र में भी कांटे की टक्कर होने की संभावनाएं हैं। यहां से कांग्रेस ने मनीष खंडूड़ी को मैदान में उतारा है। मनीष खंडूड़ी पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूडी के बेटे हैं। हाल ही में वे अपने बागी तेवर के चलते मीडिया की सुर्खियों में रहें। एक तरफ जहां बीसी खंडूड़ी के बेटे हैं तो दूसरी तरफ भाजपा ने बीसी खंडूड़ी के करीबी शिष्य व उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत पर भाजपा ने दांव लगाया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसी खंडूड़ी का आशीर्वाद चुनाव में बेटे को मिलता है शिष्य को।
वहीं टिहरी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर दांव लगाया है। यह पांच बार विधायक व दो बार उत्तराखंड कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। इनकी सीधी टक्कर इस बार राजपरिवार की बहू माला राज्य लक्ष्मी से है। ये लगातार दो बार से टिहरी से सांसद हैं। इस इलाके में इनका खासा वर्चस्व माना जाता है। इनके ससुर मानवेंद्र सिंह टिहरी से आठ बार सांसद रह चुके हैं। ऐसे में सियासी घरानों के बीच घमासान देखना दिलचस्प होगा।
वहीं अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में भी बराबर का मुकाबला माना जा रहा है। कांग्रेस नेता प्रदीप टम्टा व भाजपा नेता अजय टम्टा का क्षेत्र में व्यापक जनाधार है। हांलाकि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदीप टम्टा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस आलाकमान ने एक बार फिर से प्रदीप टम्टा पर भरोसा जताते हुए सिटिंग राज्यसभा सदस्य को मैदान में उतारा है।
मिशन शक्ति से चीन और पाकिस्तान में खलबली, कहा- युद्ध से बचने की जरूरत वहीं माना जा रहा है कि हरिद्वार में मौजूदा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को टक्कर देना कांग्रेस के अंबरीष कुमार के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा। बता दें कि निशंक 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी रेणुका रावत को दो लाख मतों से शिकस्त दे चुके हैं।
ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अंबरीष सिंह का निशंक को हराना काफी मुश्किल होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस ने उत्तराखंड में भाजपा का किला भेदने की पूरी कोशिश करते हुए अच्छे उम्मीदवारों का चुनाव किया है। हांलाकि लोकसभा चुनाव- 2014 की तरह आगामी लोकसभा चुनावों में भी मोदी फैक्टर प्रभावी होने के कारण कांग्रेसियों को दो मोर्चों पर जंग लड़नी होगी।