कैसे होगी मतों की गिनती
मतों की गिनती से पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होती है। इसके लिए चार टेबल बनाए गए हैं। बैलेट बॉक्स को सभी राजनीतिक दलों उम्मीदवार या प्रतिनिधी के सामने खोला जाता है। इसकी गिनती के बाद ईवीएम में मौजूद मतों की गिनती शुरु होगी। ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद बारी आएगी वीवीपैट पर्ची से वोटों के मिलान की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक औचक आधार पर पांच मतदान केंद्रों को औचक आधार पर चुना जाएगा। ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों की गिनती का मिलान सबसे आखिर में होगा। वीवीपैट सत्यापन में कम से कम पांच घंटे का समय लग सकता है। वीवीपैट की गिनती के लिए नए पांच घंटे और जोड़ दिए जाएं तो रात 11 बारह बजे तक ही अंतिम नतीजा आएगा। यानी विजयी उम्मीदवार को आधी रात तक जीत का प्रमाणपत्र मिलेगा।
सात चरणों में हुआ मतदान
सात चरणों में हुआ मतदान 38 दिन चला है। इस महापर्व में 22 लाख 30 हजार बैलेट यूनिट, 10 लाख 63 हजार कंट्रोल यूनिट और 10 लाख 73 हजार वीवीपैट का इस्तेमाल हुआ। पूरे देश में 10 लाख 35 हजार केंद्रों पर मतदान हुआ था।
देश के सभी राज्यों के लिए अलर्ट जारी
मतगणना से पहले राजीनित दलों की हलचल और कुछ नेताओं की धमकियों पर आयोग की नजर बनी हुई है। गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों से मतगणना के दिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा है।
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