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कर्नाटक: मुख्यमंत्री बनने से पहले भगवान की शरण में एचडी कुमारस्वामी

Published: May 22, 2018 06:44:32 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

कुमारस्वामी ने कहा कि कर्नाटक की जनता ने मेरी पार्टी को स्पष्ट जनादेश तो नहीं दिया है लेकिन मुझे सेवा करने का अवसर मिल रहा है।

HD Kumaraswamy

कर्नाटक: मुख्यमंत्री बनने से पहले भगवान की शरण में एचडी कुमारस्वामी

नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी भगवान की शरण में पहुंच गए हैं। वो पिछले कई दिनों से मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर माथा टेक रहे हैं। मंगलवार को कुमारस्वामी ने श्रृंगेरी के मंदिरों कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के लिए विशेष पूजा और प्रार्थना की। सोमवार को दिल्ली पहुंचने से पहले भी कुमारस्वामी हासन पहुंचे, यहां उन्होंने लक्ष्मी नरसिम्हा के मंदिर में पूजा अर्चना की थी। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के लिए रवाना हुए।
‘स्पष्ट जनादेश नहीं लेकिन सेवा का अवसर मिला’
कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक की जनता ने मुझे और मेरी पार्टी को स्पष्ट जनादेश तो नहीं दिया है लेकिन ईश्वर और माता-पिता के आशीर्वाद से मुझे एकबार फिर जनता की सेवा करने का अवसर मिल रहा है।
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बुधवार को शपथ लेंगे कुमारस्वामी
23 मई की शाम 4.30 बजे कुमारस्वामी सचिवालय (विधान सौध) में शपथ लेंगे। इस दौरान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी , कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल , केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन व कई अन्य बड़े नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है।
शपथ में नहीं होगी आतिशबाजी
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि जेडीएस नेता ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से बैनर, फ्लैक्सी बोर्ड नहीं लगाने व पटाखे नहीं छोड़ने को कहा है क्योंकि यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।
किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं
गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। 222 सीटों पर चुनाव हुए थे से में बहुमत का आंकड़ा 112 सीटों का था। यहां बीजेपी 104 सीटों के साथ पहले, कांग्रेस 78 सीटों के साथ दूसरे और जेडीएस 37 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर थी। लेकिन तीनों ही पार्टियां बहुमत से दूर थीं। ऐसे में कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। लेकिन बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी ने बहुमत का दावा किया था। लेकिन बीजेपी बहुमत साबित करने में सफल नहीं रही और बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले बीएस येदियुरप्पा ने महज ढाई दिनों में ही इस्तीफा दे दिया।

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