‘स्पष्ट जनादेश नहीं लेकिन सेवा का अवसर मिला’
कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक की जनता ने मुझे और मेरी पार्टी को स्पष्ट जनादेश तो नहीं दिया है लेकिन ईश्वर और माता-पिता के आशीर्वाद से मुझे एकबार फिर जनता की सेवा करने का अवसर मिल रहा है।
कुमारस्वामी ने सोमवार को कहा कि कर्नाटक की जनता ने मुझे और मेरी पार्टी को स्पष्ट जनादेश तो नहीं दिया है लेकिन ईश्वर और माता-पिता के आशीर्वाद से मुझे एकबार फिर जनता की सेवा करने का अवसर मिल रहा है।
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23 मई की शाम 4.30 बजे कुमारस्वामी सचिवालय (विधान सौध) में शपथ लेंगे। इस दौरान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी , कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल , केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन व कई अन्य बड़े नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है।
23 मई की शाम 4.30 बजे कुमारस्वामी सचिवालय (विधान सौध) में शपथ लेंगे। इस दौरान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी , कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल , केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन व कई अन्य बड़े नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है।
शपथ में नहीं होगी आतिशबाजी
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि जेडीएस नेता ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से बैनर, फ्लैक्सी बोर्ड नहीं लगाने व पटाखे नहीं छोड़ने को कहा है क्योंकि यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि जेडीएस नेता ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से बैनर, फ्लैक्सी बोर्ड नहीं लगाने व पटाखे नहीं छोड़ने को कहा है क्योंकि यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।
किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं
गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। 222 सीटों पर चुनाव हुए थे से में बहुमत का आंकड़ा 112 सीटों का था। यहां बीजेपी 104 सीटों के साथ पहले, कांग्रेस 78 सीटों के साथ दूसरे और जेडीएस 37 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर थी। लेकिन तीनों ही पार्टियां बहुमत से दूर थीं। ऐसे में कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। लेकिन बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी ने बहुमत का दावा किया था। लेकिन बीजेपी बहुमत साबित करने में सफल नहीं रही और बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले बीएस येदियुरप्पा ने महज ढाई दिनों में ही इस्तीफा दे दिया।
गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। 222 सीटों पर चुनाव हुए थे से में बहुमत का आंकड़ा 112 सीटों का था। यहां बीजेपी 104 सीटों के साथ पहले, कांग्रेस 78 सीटों के साथ दूसरे और जेडीएस 37 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर थी। लेकिन तीनों ही पार्टियां बहुमत से दूर थीं। ऐसे में कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। लेकिन बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी ने बहुमत का दावा किया था। लेकिन बीजेपी बहुमत साबित करने में सफल नहीं रही और बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले बीएस येदियुरप्पा ने महज ढाई दिनों में ही इस्तीफा दे दिया।