सिब्बल ने बीजेपी को बताया अंग्रेजों का साथी
कपिल सिब्बल ने कहा कि क्या इन स्थानों को मोदी जी या उनकी पार्टी के दादा-दादी ने बनाया था ? क्या वह लोग भारत के बारे में कुछ जानते हैं? ये वो लोग थे जो अंग्रेजों के साथ मिलकर काम किया करते थे। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने अंग्रेजों के साथ पक्षपात किया है। वह उनके पिता-दादी और नाना-नानियों का आचरण था मुझे दुख है इस बात का ये वे अपने दादा-दादी तक के बारे में कुछ नहीं जानते हैं। मैं चाहता हूं कि वे उनके बारे में जानें।
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गांधी परिवार से बाहर किसी को अध्यक्ष बनाए कांग्रेस: मोदी
छत्तीसगढ़ की अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरुर के ‘चायवाले’ बयान पर कहा कि कांग्रेस का मानना है कि पंडित नेहरू की वजज से ही आज एक ‘चायवाला’ प्रधानमंत्री बन पाया है। यदि यह बात सही है और कांग्रेस में लोकतंत्र है तो मैं उन्हें (कांग्रेस) चुनौती देता हूं कि गांधी परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को पार्टी का अध्यक्ष बनाकर दिखाएं। तब मैं मानूंगा कि हूं कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों को महत्व देते हैं। कांग्रेस पार्टी में किसी को नींद नहीं आ रही है कि ये हमारे परिवार की विरासत हमारी राजगद्दी को ये चाय वाला कैसे चुरा ले गया?
चिदंबरम ने गिना दिए 15 गैर गांधी अध्यक्षों के नाम
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को पीएम की इस चुनौती पर पलटवार किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री की याददाश्त पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1947 में आजादी के बाद से कांग्रेस में 15 ऐसे अध्यक्ष हुए जो गैर गांधी परिवार से थे। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद गैर गांधी परिवार के कांग्रेस पार्टी के अध्यक्षों का नाम लिखा। जिनमें आचार्य जेबी कृपलानी, पट्टाभि सितारमैया, पुरुषोत्तम दास टंडन, यूएन धेबर, नीलम संजीव रेड्डी, संजीवैहा, कामराज, एल निजलिंगप्पा, सी सुब्रमणियम, जगजीवन राम, शंकर दयाल शर्मा, डीके बरुआ, ब्रह्मानंद रेड्डी, पीवी नरसिम्हा राव और सीताराम केसरी लोग शामिल रहे।