14 राज्यों के अध्यक्ष शरद के साथ
श्रीवास्तव ने दावा किया कि शरद यादव गुट ही असली जद यू है क्योंकि पार्टी के 14 राज्यों के अध्यक्ष उनके साथ हैं। इनमें से छह-सात अध्यक्ष गुरुवार को दिल्ली में हुए साझी विरासत सम्मेलन में शरीक हुए थे। शेष अध्यक्षों ने संदेश भिजवाया था कि वह किन्हीं अपरिहार्य कारणों से सम्मेलन में भाग नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने न केवल मुझे महासचिव पद से हटाया बल्कि अंसारी को भी राज्यसभा में पार्टी के उप नेता पद से हटाया है। शरद यादव को भी सदन में दल के नेता पद से हटा दिया, जबकि वह पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
श्रीवास्तव ने दावा किया कि शरद यादव गुट ही असली जद यू है क्योंकि पार्टी के 14 राज्यों के अध्यक्ष उनके साथ हैं। इनमें से छह-सात अध्यक्ष गुरुवार को दिल्ली में हुए साझी विरासत सम्मेलन में शरीक हुए थे। शेष अध्यक्षों ने संदेश भिजवाया था कि वह किन्हीं अपरिहार्य कारणों से सम्मेलन में भाग नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने न केवल मुझे महासचिव पद से हटाया बल्कि अंसारी को भी राज्यसभा में पार्टी के उप नेता पद से हटाया है। शरद यादव को भी सदन में दल के नेता पद से हटा दिया, जबकि वह पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कहा कि हम लोग तो पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेकर अपनी बात कहना चाहते थे, लेकिन नीतीश ने हम तीनों को बिना कोई नोटिस दिए हटा दिया इसलिए अब हमने कार्यकारिणी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। हम पटना में अपना सम्मेलन खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश कार्यकारिणी की बैठक पटना के मौर्य होटल में करने वाले थे, लेकिन जब हमने इसकी आलोचना की तो उन्होंने सम्मेलन स्थल बदलकर मुख्यमंत्री आवास कर दिया है। श्रीवास्तव ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास में पार्टी कार्यकारिणी का सम्मेलन करना सत्ता का दुरूपयोग करना है।
शरद जदयू के संस्थापक सदस्य
श्रीवास्तव ने कहा कि समता पार्टी और लोकशक्ति तथा शरद यादव के जनता दल का विलय होने के बाद जनता दल यूनाइटेड का घटन हुआ था। उस समय नीतीश कुमार समता पार्टी में थे, इसलिए इस पार्टी के सबसे पुराने सदस्य और संस्थापक शरद यादव ही हैं। इस लिहाज से हम ही लोग वास्तविक जनता दल हैं। इसलिए हम लोग चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे कि पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीरÓ हमें ही दिया जाए।
श्रीवास्तव ने कहा कि समता पार्टी और लोकशक्ति तथा शरद यादव के जनता दल का विलय होने के बाद जनता दल यूनाइटेड का घटन हुआ था। उस समय नीतीश कुमार समता पार्टी में थे, इसलिए इस पार्टी के सबसे पुराने सदस्य और संस्थापक शरद यादव ही हैं। इस लिहाज से हम ही लोग वास्तविक जनता दल हैं। इसलिए हम लोग चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे कि पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘तीरÓ हमें ही दिया जाए।
नीतीश को पार्टी के चुनाव चिह्न से मोह नहीं
उन्होंने कहा कि नीतीश को अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न से कोई मोह नहीं है क्योंकि वह खुद इस चुनाव चिह्न को बदलने का अनुरोध लेकर चुनाव आयोग जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के अपने दावे के समर्थन में कागजात जल्दी ही चुनाव आयोग को सौंपेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार को पार्टी के दस सांसदों और 71 विधायकों के अलावा केवल पांच राज्यों के पदाधिकारियों का समर्थन प्राप्त है, जबकि शेष राज्यों के पदाधिकारी शरद यादव के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश को अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न से कोई मोह नहीं है क्योंकि वह खुद इस चुनाव चिह्न को बदलने का अनुरोध लेकर चुनाव आयोग जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के अपने दावे के समर्थन में कागजात जल्दी ही चुनाव आयोग को सौंपेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि नीतीश कुमार को पार्टी के दस सांसदों और 71 विधायकों के अलावा केवल पांच राज्यों के पदाधिकारियों का समर्थन प्राप्त है, जबकि शेष राज्यों के पदाधिकारी शरद यादव के साथ हैं।
नीतीश ने बिना नोटिस दिए निकाला: अली अनवर
अली अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी तो अब भाजपा जनता दल (यू) है और उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर अचानक भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला लिया। इस फैसले की जानकारी न तो शरद यादव को दी और न ही केसी त्यागी को दी। लेकिन हमारा जमीर नीतीश कुमार के साथ जाने की अनुमति नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश ने उन्हें राज्यसभा के उपनेता के पद से हटाने के पहले न तो मौखिक रूप से, न ही एसएमएस के जरिए और न ही लिखित रूप से कोई सूचना दी कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की बैठक में मैं भाग नहीं लूं और इसके लिए मुझे बिना नोटिस दिए हटा दिया।
अली अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार की पार्टी तो अब भाजपा जनता दल (यू) है और उन्होंने अपनी अंतरात्मा की आवाज पर अचानक भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला लिया। इस फैसले की जानकारी न तो शरद यादव को दी और न ही केसी त्यागी को दी। लेकिन हमारा जमीर नीतीश कुमार के साथ जाने की अनुमति नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश ने उन्हें राज्यसभा के उपनेता के पद से हटाने के पहले न तो मौखिक रूप से, न ही एसएमएस के जरिए और न ही लिखित रूप से कोई सूचना दी कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की बैठक में मैं भाग नहीं लूं और इसके लिए मुझे बिना नोटिस दिए हटा दिया।