कांग्रेस नेता ने लगातार ट्वीट कर कहा, ‘वित्त मंत्री कहते हैं कि सच के दो रूप नहीं हो सकते। बिलकुल सही। वित्त मंत्री के कहे अनुसार दो वर्जन हैं। कौन सा वर्जन सही है, यह जानने का सही रास्ता कौन सा है।’
पूर्व वित्त मंत्री ने लिखा कि यह दयनीय है कि सरकार घटनाओं के प्रवाह को नहीं देख रही और जांच का आदेश देने से इनकार कर दिया। कौन जानता है कि अगले छह महीने या 12 महीने में क्या होगा।
ओलांद के खुलासे को जेटली ने किया खारीज
बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के रफाल सौदे में किए गए खुलासे को रविवार को खारिज कर दिया था। सफाई पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह साफ कर दिया था कि चाहे जो भी आरोप लगें, लेकिन रफाल डील रद्द नहीं की जाएगी। वहीं, ओलांद ने अपने खुलासे में कहा था कि दसॉ एविएशन के साथ रिलायंस डिफेंस की साझेदारी भारत सरकार के सुझाव पर की गई थी। इस मुद्दे पर फ्रांस सरकार ने कहा कि रफाल सौदे में भारतीय साझेदार को चुनने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। दासू ने कहा कि उसने खुद अपनी मर्जी से साझेदार चुना है।
इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से तीन सवाल पूछे हैं। केजरीवाल ने लिखा, आपने ये ठेका अनिल अंबानी को ही क्यों दिलवाया? अनिल से कारोबारी संबंध हैं? रफाल घोटाले का पैसा किसकी जेब में गया?