भाजपा को नुकसान कम
जानकारों का कहना है कि अगर 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में चारों पार्टियों को मिले वोटों का पैटर्न 2019 के लोकसभा चुनावों में भी रहता है तो 6 सीटों के मुकाबले 23 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को कोई नुकसान होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। भाजपा को 23 सीटें मिलने की संभावना है। लेकिन अगर भाजपा और शिवसेना साथ मिलकर लड़ते हैं तो गठबंधन को कुल 41 सीटों पर जीत मिल सकती है। 2014 में भाजपा और शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के सामने मिलकर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा-शिवसेना ने 48.4 फीसदी वोट पाकर कुल 41 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन 34.4 फीसदी वोट पाकर कुल 6 सीटें ही जीत पाई थी। इसके बाद जब चारों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव में अलग-अलग चुनाव लड़ा तो भाजपा को 28.1 फीसदी, शिवसेना को 19.5 फीसदी, कांग्रेस को 18.1 फीसदी और एनसीपी को 17.4 फीसदी वोट मिले। इसमें जो सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष है वो ये है कि विधानसभा चुनाव 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हुए थे। इसलिए उस वक्त परिस्थितियां काफी कुछ एक जैसी ही थीं।
जानकारों का कहना है कि अगर 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में चारों पार्टियों को मिले वोटों का पैटर्न 2019 के लोकसभा चुनावों में भी रहता है तो 6 सीटों के मुकाबले 23 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को कोई नुकसान होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। भाजपा को 23 सीटें मिलने की संभावना है। लेकिन अगर भाजपा और शिवसेना साथ मिलकर लड़ते हैं तो गठबंधन को कुल 41 सीटों पर जीत मिल सकती है। 2014 में भाजपा और शिवसेना ने कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के सामने मिलकर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा-शिवसेना ने 48.4 फीसदी वोट पाकर कुल 41 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन 34.4 फीसदी वोट पाकर कुल 6 सीटें ही जीत पाई थी। इसके बाद जब चारों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव में अलग-अलग चुनाव लड़ा तो भाजपा को 28.1 फीसदी, शिवसेना को 19.5 फीसदी, कांग्रेस को 18.1 फीसदी और एनसीपी को 17.4 फीसदी वोट मिले। इसमें जो सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष है वो ये है कि विधानसभा चुनाव 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हुए थे। इसलिए उस वक्त परिस्थितियां काफी कुछ एक जैसी ही थीं।
शाह झुकने को तैयार नहीं
आपको बता दें कि राम मंदिर और रफाल को लेकर शिवसेना लगातार भाजपा की आलोचना कर रही है। इसके चलते पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक मीटिंग में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वो महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करें। महाराष्ट्र के भाजपा प्रमुख माधव भंडारी ने हाल ही में कहा था कि कि हमने पिछला लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा था और स्थितियां अभी भी बदली नहीं है।
आपको बता दें कि राम मंदिर और रफाल को लेकर शिवसेना लगातार भाजपा की आलोचना कर रही है। इसके चलते पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक मीटिंग में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वो महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करें। महाराष्ट्र के भाजपा प्रमुख माधव भंडारी ने हाल ही में कहा था कि कि हमने पिछला लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा था और स्थितियां अभी भी बदली नहीं है।
चुनौती देने की तैयारी पूरी
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने हाल ही में बयान दिया था कि कांग्रेस के साथ 48 में से 45 सीटों पर सहमति बन चुकी है और जैसे ही सभी सीटों पर सहमित बन जाएगी वैसे ही इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने हाल ही में बयान दिया था कि कांग्रेस के साथ 48 में से 45 सीटों पर सहमति बन चुकी है और जैसे ही सभी सीटों पर सहमित बन जाएगी वैसे ही इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।