scriptबालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो आज हिन्दू भी पढ़ रहे होते नमाज: शिवसेना | If Balasaheb Thackeray was not then today Hindu would also be studying namaz: Shivsena | Patrika News

बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो आज हिन्दू भी पढ़ रहे होते नमाज: शिवसेना

locationनई दिल्लीPublished: Jan 18, 2019 03:15:32 pm

Submitted by:

Anil Kumar

शिवसेना ने ‘सामना’ के संपादकीय में लिखते हुए कहा कि यदि बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो आज हिन्दुओं को भी नमाज अदा करना पड़ता।

बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो आज हिन्दू भी पढ़ रहे होते नमाज: शिवसेना

बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो आज हिन्दू भी पढ़ रहे होते नमाज: शिवसेना

मुंबई। चुनाव के समय राजनेताओं की ओर से अपने प्रतिद्वंदियों के लिए तीखे बयानबाजी किए जाते हैं। कभी-कभी ऐसे बयान दे जाते हैं जो बहुत ही शर्मनाक होता है और रातनीति में भाषा की मर्यादा को नीचे गिराने का काम करते हैं। अपने हिन्दुत्वादी छवि के लिए जाने जाने वाली शिवसेना प्रमुख ने एक बार फिर से ऐसा बयान दिया है जो बहुत हीं निंदनीय है। दरअसल शुक्रवार को शिवसेना ने शिवाजी स्मारक के निर्माण को लेकर भाजपा नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखते हुए कहा कि यदि बालासाहेब ठाकरे नहीं होते तो आज हिन्दुओं को भी नमाज अदा करना पड़ता। आगे कहा गया कि कुछ लोग कहते हैं कि छत्रपति शिवाजी और बालासाहेब ठाकरे के स्मारक का क्या इस्तेमाल है? इसपर शिवसेना ने कहा कि यदि छत्रपति महाराज नहीं होते तो पाकिस्तान की सीमा तुम्हारी दहलीज तक आ गई होती और बालासाहेब नहीं होते तो आज हिन्दुओं को भी नमाज अदा करना पड़ता। शिवेसना ने महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर से शिवाजी स्मारक के निर्माण कार्य पर रोक लगा दिया है। ऐसा बार-बार हो रहा है। अब सवाल उठता है कि ऐसे में सरकार खामोस क्यों है? क्या सरकार नहीं चाहती है कि स्मारक का निर्माण हो?

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शिवसेना ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

आपको बता दें कि शिवसेना ने सरकार पर गंभर आरोप लगाए हैं। शिवसेना ने शिवाजी स्मारक निर्माण को लेकर आ रही बाधाओं के संदर्भ में पूछा कि आखिर ऐसा क्यों है कि सरकार चुनावों में जीत के लिए खरीद-फरोख्त करने जैसे मामलों में कभी असफल नहीं होती है और जब स्मारक निर्माण की बात आती है तो कोर्ट में अपना पक्ष भी नहीं रख पाती है? शिवसेना ने कहा कि मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला रातोंरात कर लागू भी कर दिया, गुजरात में विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा सरदार बल्लभभाई पटेल की बनाई, तीन तलाक को लेकर कानून बनाने में भी कुछ सफलता पाई है, लेकिन आखिर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण और महाराष्ट्र में शिवाजी स्मारक के निर्माण का मामला अनसुलझा क्यों है? संपादकीय में आगे सवाल किया गया है कि यह परियोजना 3600 करोड़ रुपए की है, लेकिन सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। शिवसेना ने पूछा कि इस मामले में आखिर कौन है जो नहीं चाहता है कि स्मारक बने? क्या अदालत रोड़े अटका रहा है या फिर कोर्ट को ढाल बनाकर कोई ओर इसे लटकाना चाहता है? यदि ऐसा है तो बहुत ही शर्मनाक है।

 

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