मार्च निकालकर इन सभी लोगों ने सीएम से इस्तीफा देने की मांग की है। खास बात यह रही कि सीएम मनोहर पर्रिकर के खिलाफ निकाले गए मार्च को शिवसेना और एनसीपी का भी समर्थन मिला। मार्च निकालते हुए ये लोग पर्रिकर के निजी निवास की ओर बढ़े लेकिन उन्हें 100 मीटर पहले ही रोक दिया गया। प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि अगले 48 घंटे में पर्रिकर अपना पद छोड़ दें ताकि फुलटाइम मुख्यमंत्री पद संभाल सके।
सीएम के खिलाफ लोगों ने पीपुल्स मार्च फॉर रेस्टोरेशन ऑफ गवर्नेंस के बैनर तले यह मार्च निकाला। गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने पर्रिकर को पैंक्रियाटिक कैंसर होने की बात कही थी। 14 अक्टूबर को दिल्ली के एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद से पर्रिकर गोवा में अपने निजी आवास पर ही रह रहे हैं।
सीएम की बिगड़ी हालत के चलते कांग्रेस लंबे समय से उन्हें हटाने की मांग कर रही है। कांग्रेस का आरोप कि सीएम की बिगड़ी हालत के कारण प्रदेश के कामों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।
उधर…पर्रिकर ने तबीयत खराब होने के चलते प्रदर्शनकारियों से मिलने से इनकार कर दिया। सामाजिक कार्यकर्ता आयर्स रोड्रिग्ज ने कहा, “हमें फुलटाइम मुख्यमंत्री चाहिए। बीते नौ महीनों से सरकार का कामकाज ठप पड़ा है। मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ कोई मीटिंग ही नहीं करते। हम इसलिए भी पर्रिकर के घर जाना चाहते हैं ताकि उनकी तबीयत देख सकें। अगर पर्रिकर 48 घंटे में इस्तीफा नहीं देते तो पूरे राज्य में प्रदर्शन किया जाएगा।