सुबह करीब 11 बजे से शुरू हुई सुनवाई लंच ब्रेक के बाद करीब 3:15 बजे तक चली। इस दौरान शिकायतकर्ताओं के अलावा कोर्ट ने सरकार, रक्षा मंत्रालय और वायुसेना के अधिकारियों का भी पक्ष सुना। याचिकाकर्ताओं ने रफाल मामले की जांच का आदेश देने की याचिका दाखिल की हैै। सुनवाई के दौरान सभी पक्षों ने अपना—अपना पक्ष रखा। लंबी चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने रफाल मामले में सभी का पक्ष सुनकर फैसला सुरक्षित रखा लिया है। फैसला बाद में सुनाया जाएगा।
कोर्ट ने वायुसेना के अधिकारियों को बुलवाया इससे पूर्व, सुप्रीम कोर्ट ने रफाल पर बहस के दौरान सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा है कि इस मुद्दे पर हम रक्षा मंत्रालय की न सुनकर वायुसेना अधिकारियों का पक्ष जानना चाहेंगे। उन्होंने तत्काल प्रभाव से रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है। जानकारी के मुताबिक वायुसेना अधिकारी सुप्रीम कोर्ट अपना पक्ष रखने के लिए पहुंच गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में दायर मोदी सरकार के हलफनामे पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट में करीब रफाल सौदे पर करीब दो घंटे से बहस जारी है। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार पहले ही दो बार देश की सुरक्षा को ताक पर रखने का काम कर चुकी है। मेक इन इंडिया की को झुठलाते इस सौदे को अंजाम दिया है। उन्होंने इस सौदे को रद्द करने की मांग की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भूषण फटकार लगाते हुए कहा कि कोर्ट में जितना जरूरी हो, उतना ही बोलें। जरूरत से ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है।
आपको बता दें कि रफाल सौदे पर सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए सीलबंद लिफाफे पर आज फैसला आ सकता है। इस मुद्देे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। केंद्र सरकार ने सोमवार को सीलबंद लिफाफे में 36 राफेल विमान की कीमतों और खरीद की प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को याचिकाकर्ताओं की मांग पर सीलबंद लिफाफे में जानकारी देने का निर्देश दिया था। इस मामले की प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसके कौल एवं न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ अहम सुनवाई कर रहे हैं। आज बहस के दौरान याचिकाकर्ताओं ने सौदा रद्द करने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट को आज ये फैसला देना है कि विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच होगी या नहीं।
अदालत की निगरानी में जांच की मांग
इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से रफाल सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं की मांग पर शीर्ष अदालत ने मोदी सरकार से सीलबंद लिफाफे में जरूरी जानकारी देने का निर्देश दिया था। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने सोमवार को 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का आदेश देने के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया में उठाए गए कदमों का विवरण शीर्षक वाला 14 पेज का दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को सौंप दिया। आज याचिकाकर्ता दस्तावेजों में दर्ज बातों पर अपनी दलील दे सकते हैं।
इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से रफाल सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं की मांग पर शीर्ष अदालत ने मोदी सरकार से सीलबंद लिफाफे में जरूरी जानकारी देने का निर्देश दिया था। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने सोमवार को 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का आदेश देने के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया में उठाए गए कदमों का विवरण शीर्षक वाला 14 पेज का दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को सौंप दिया। आज याचिकाकर्ता दस्तावेजों में दर्ज बातों पर अपनी दलील दे सकते हैं।
राहुल का दावा पिक्चर अभी बाकी है
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार के रफाल मामले से जुड़े हलफनामे को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और दावा किया कि मोदी ने वायुसेना से पूछे बिना कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों को बदलने की बात स्वीकार कर ली है। गांधी ने ट्वीट कर कहा कि उच्चतम न्यायालय में मोदी जी ने मानी अपनी चोरी। हलफनामे में माना कि उन्होंने बिना वायुसेना से पूछे कॉन्ट्रैक्ट बदला और 30,000 करोड़ रूपए अंबानी की जेब में डाला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार के रफाल मामले से जुड़े हलफनामे को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और दावा किया कि मोदी ने वायुसेना से पूछे बिना कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों को बदलने की बात स्वीकार कर ली है। गांधी ने ट्वीट कर कहा कि उच्चतम न्यायालय में मोदी जी ने मानी अपनी चोरी। हलफनामे में माना कि उन्होंने बिना वायुसेना से पूछे कॉन्ट्रैक्ट बदला और 30,000 करोड़ रूपए अंबानी की जेब में डाला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।