कांग्रेस ने बनाई रणनीति
गुरुवार को कांग्रेस की ओर से आयोजित एक रणनीतिक बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई उच्च पदाधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि दिसंबर में प्रस्तावित गुजरात विधानसभा में चुनाव की जिम्मेदारी कांग्रेस किसी स्थानीय नेता को ही देगी। इसके अलावा लोकल युनिट के अनुरोध पर ही गांधी परिवार का कोई भी सदस्य विधानसभा चुनाव में प्रचार करेगा। सूत्रों के अनुसार बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस बार विधानसभा चुनाव में किसी पीआर कंपनी का सहारा नहीं लिया जाएगा। यह निर्णय उत्तर प्रदेश चुनाव में मिली करारी हार के बाद लिया गया, जिसमें राहुल गांधी यूपी के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के साथ सीधे चुनाव प्रचार में उतरे थे। यही ने प्रियंका गांधी ने भी विधान सभा चुनाव में प्रचार किया था। जब चूंकि इस चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था, तो राजनीतिक हलकों में इसको राहुल गांधी व प्रियंका गांधी की राजनीतिक विश्वसनियता से जोड़कर देखा जा रहा है।