वहीं, इसे मुद्दे पर फ्रांस सरकार ने कहा कि रफाल सौदे में भारतीय साझेदार को चुनने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। दासू ने कहा कि उसने खुद अपनी मर्जी से साझेदार चुना है। दोनों बयानों में ओलांद की इस बात का खंडन नहीं है कि अंबानी का नाम भारत सरकार की ओर से आया था। ओलांद ने कहा था कि रफाल सौदे में रिलायंस (अनिल अंबानी) का नाम भारत सरकार ने ही सुझाया था।
राहुल का पूरा परिवार भ्रष्टाचार की जननी
इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोफोर्स समेत कई घोटालों का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल को रफाल पर सवाल पूछने का हक नहीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने सारी मर्यादाओं को तोड़ते हुए देश के ईमानदार पीएम पर गैरजिम्मेदाराना आरोप लगाकर स्वयं अपने मुंह पर कालिख पोत ली है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और उनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार की जननी है।
रणदीप सुरजेवाला का दावा, कोई करार नहीं हुआ
इस बीच देर शाम कांग्रेस प्रवक्त रणदीप सुरजेवाला ने 2012 में दासू और रिलांयस इंडस्ट्री के करार पर कहा कि दुर्भग्यवश रक्षा मंत्रालय और कानून मंत्री द्वार इस मुद्दे पर सरासर बकवास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दासू एविएशन और मुकेश अंबानी की कंपनी के बीच कभी भी इस तरह की किसी भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं हुआ। सुरजेवाला ने कहा कि उनके पास रिकार्ड है। हम कानून मंत्री और रक्षा मंत्री को चुनौती देते हैं कि वे इस तरह का कोई दस्तावेज सार्वजनिक कर के दिखाएं। लेकिन कोई दस्तावेज है ही नहीं तो झूठ बेनकाब हो जाएगा।
राजनाथ सिंह
वहीं, इस मुद्दे पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान पर रक्षा मंत्रालय जांच कर रही है। मुझे लगता है कि सारे आरोप फर्जी थे, हैं और रहेंगे।
केजरीवाल के सवाल
वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए पीएम मोदी से तीन सवाल पूछे हैं। केजरीवाल ने लिखा, आपने ये ठेका अनिल अंबानी को ही क्यों दिलवाया? अनिल से कारोबारी संबंध हैं?
रफाल घोटाले का पैसा किसकी जेब में गया?