‘ सूबे में चुनाव होने ही थे, हम रक्षा करना चाहते थे’
नेशनल कॉनफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के एक साथ होने पर फारूक ने कहा, ‘हम सरकार नहीं बनाना चाहते थे, बल्कि उससे बचाना चाहते थे, जो आज राज्यपाल कर रहे हैं। हम 35A की रक्षा करना चाहते थे। यह सरकार ज्यादा लंबी नहीं चलने वाली थी और एक दिन गिरनी तय थी और चुनाव होना ही थे।’
शारदा पीठ खोले जाने की वकालत
बारामुला में फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस हर उस रास्ते के समर्थन में है, जो भारत-पाक की दोस्ती के लिए किया जा रहा है। मैं मानता हूं कि दोनों देशों की दोस्ती से राज्य का विकास तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि भारत-पाक के बीच जिस दिन दोस्ताना रिश्ते शुरू हो जाएंगे कश्मीर मुद्दा उसी दिन सुलझ जाएगा’ फारूक ने पाकिस्तान में स्थित शारदा पीठ को कश्मीरी पंडितों के लिए खोले जाने की भी वकालत की। अब्दुल्ला ने कहा है कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता के लिए लड़ती रहेगी।
सज्जाद लोन को करार जवाब
फारूक अब्दुल्ला रविवार को बारामुला में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। अब्दुल्ला ने सज्जाद लोन के आरोपों पर कहा कि यदि वह भी चाहें तो सज्जाद लोन पर आरोप लगा सकते हैं। लेकिन वह नहीं लगाएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि सज्जाद लोन के पिता अब्दुल गनी लोन एक जमाने में उनके पास आए थे और कहा था कि वह पाकिस्तान जाकर हथियार लाने जा रहे हैं। अब्दुल्लाह ने कहा कि तब उन्होंने उन्हें सलाह दी थी कि कश्मीर में हथियार लाने से कोई मसला हल नहीं होगा बल्कि तबाही ही होगी।
राज्यपाल ने की विधानसभा भंग
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में पिछले महीने पीडीपी ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया था। लेकिन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी थी। सूबे में राज्यपाल शासन लागू है।