बैठक में कई राजनीतिक दलों ने बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग की, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने इसे गलत बताया। रावत ने कहा कि राजनीतिक दलों की यह मांग गलत है। इस व्यवस्था के लागू होने से फिर से बूथ कैप्चरिंग शुरू हो जाएगी। बता दें कि यह बातें मुख्य चुनाव आयोग ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कही।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बैठक में कुछ दलों ने शिकायत करते हुए कहा कि चुनाव के समय अक्सर ईवीएम और वीवीपैट मशीनों में खराबी की ख़बरें आती रहती हैं, जिसकी वजह से चुनाव प्रभावित होता है। दूर-दूर से आए लोग घंटों लाइन में खड़े होकर वोट डालने का इंतजार करते हैं और लंबे इंतजार के बाद उन्हें पता चलता है कि मशीन ही ख़राब है। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव के समय आने वाली इन परेशानियों पर आयोग गौर फरमाएगा और जल्द से जल्द इस समस्या से निजात दिलाएगा।
ओपी रावत ने आगे कहा कि बैठक में सभी पार्टियों ने चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को और अधिक बढ़ाने के लिए सकारात्मक सुझाव दिए हैं। आयोग इन सभी सुझावों पर चर्चा करेगा। साथ ही जरूरत पड़ी तो इन्हें प्रयोग में भी लाया जाएगा।
वहीं, इस बैठक में कांग्रेस ने अपना मत रखते हुए कहा कि चुनाव बैलेट पेपर से होने चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव में 30 फीसदी वीपीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों के बीच लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के आगामी चुनावों को देखते हुए मतदाता सूचियों की शुद्धता, पारदर्शिता में सुधार, एक साथ चुनाव जैसे कई मुद्दे पर चर्चा हुई।