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मंदिर मुद्दे पर दिग्विजय सिंह का मोदी पर हमला, राम को विवादों में घसीटना सरकार की बड़ी मंशा

locationनई दिल्लीPublished: Nov 15, 2018 07:51:04 am

भाजपा जान बूझकर चुनाव के समय मंदिर का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाती है। ताकि वोट का ध्रुवीकरण करना संभव हो सके।

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मंदिर मुद्दे पर दिग्विजय सिंह का मोदी पर कटाक्ष, राम को विवादों में घसीटना सरकार की बड़ी मंशा

नई दिल्‍ली। कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अयोध्‍या में भगवान श्रीराम मंदिर के निर्माण पर एक बार फिर पीएम मोदी पर हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि इस मुद्दे पर हैरानी जताते हुए कहा कि सरकार कहती है कि अदालत का फैसला मानेंगे। उत्‍तर प्रदेश के सीएम कहते हैं कि राम जी की इच्‍छा होगी तो बनेगा और सरकार के कर्ता धर्ता कहते हैं अध्‍यादेश निकालिए। केवल भगवान राम के मंदिर को विवादास्‍पद बनाना इन लोगों का लक्ष्‍य है। इस मामले में मोदी सरकार की मंशा साफ नहीं है। सरकार जान बूझकर चुनाव के समय मंदिर का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाती है।
हम सब चाहते हैं मंदिर बने
उन्‍होंने कहा कि अजीब बात है जब चुनाव आता है भगवान राम के मंदिर निर्माण की बात सामने आती है। भगवान राम का मंदिर बने इसमें किसी को ऐतराज नहीं। हम सब चाहते हैं, लेकिन भगवान राम भी नहीं चाहेंगे कि किसी विवादस्‍पद स्‍थल पर राक का मंदिर बने। बेहतर तो यही होगा कि सरकार मंदिर मुद्दे का सर्वर हल निकाले।
संत समाज का सरकार को अल्‍टीमेटम
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीति गरम है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्‍यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा मंदिर निर्माण के लिए सुनवाई 19 जनवरी 2019 तक टालने की वजह से इस मुद्दे को बल बल मिला है। शीर्ष अदालत के इस निर्णय के बाद से हिंदू संगठनों ने केंद्र सरकार से संसद में कानून बनाकर या अध्‍यादेश लाकर 2019 से पहले म‍ंदिर निर्माण शुरू करने को कहा है। शिवसेना प्रमुख इस बात को तूल देने के लिए 25 नवंबर को अयोध्‍या जा रहे हैं। वहीं वीएचपी और संघ ने भी सरकार रे मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्‍त करने को कहा है। संघ के नेताओं का कहना है कि मंदिर अब नहीं तो कभी नहीं। दूसरी तरफ संत समाज इस मुद्दे पर आर पार के मूड में हैं और उन्‍होंने छह दिसंबर अंतिम समय सीमा तय कर दी है।

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