पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों से अपील करते हुए कहा कि वे इस सत्र को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से चलाने में सरकार के साथ सहयोग करें। सदन में अलग-अलग मुद्दों पर बहस को सार्थक बनाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में जो मुद्दे उठाए गए हैं उन पर सदन में बहस होनी चाहिए।
सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की ओर से भी कई मुद्दे उठाए गए। विपक्ष इस बार सदन में किसानों की आत्महत्या, भ्रष्टाचार, महंगाई, मॉब लिंचिंग, महिला आरक्षण, आंध्र को स्पेशल स्टेटस जैसे मुद्दों को उठाने की तैयारी में है। मॉब लिंचिंग पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस मुद्दे को विपक्ष आज उठा सकता है। हिंसक भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटना पर विपक्ष स्थगन प्रस्ताव भी ला सकता है। इसके अलावा उच्च शिक्षा में एससी-एसटी को आरक्षण, गुस्साई भीड़ की आक्रामकता पर काबू पाने के लिए सख्त कानून की जरूरत बताई गई। राजग सहयोगी शिवसेना ने भी विपक्ष के मुद्दों को समर्थन दिया।
दूसरी तरफ विपक्ष मानसून सत्र में भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में जुटी है। टीडीपी को ओर से जहां सभी दलों से अपने प्रस्ताव पर समर्थन मांगा गया है। बताया जा रहा है कि पिछले सत्र की तरह ही धीरे धीरे कुछ और विपक्षी दलों की ओर से ऐसा ही प्रस्ताव दिया जा सकता है।
संसद में विपक्ष की ओर से अविश्र्वास प्रस्ताव लाने के सवाल पर अनंत कुमार ने कहा कि विपक्ष की ओर से कोई भी प्रस्ताव आएगा तो मोदी सरकार उसका जवाब देने के लिए तैयार है। हालांकि उन्होंने बताया कि विपक्ष सहित सभी पार्टियों ने सदन को चलाने में पूरा सहयोग देने की बात की है। उन्होने कहा कि संसद का चलना राष्ट्रहित में है, जिसे सभी लोग चाहते हैं।