‘जमीनी हकीकत जाने बिना चुनाव का ऐलान’ मीर ने कहा कि चुनावों की घोषणा जमीनी हकीकत का जायजा लिए बिना कर दी गई। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार व राज्य प्रशासन को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे चुनाव चाहते हैं या यह सिर्फ एक चाल है।’ नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने पहले ही इन चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की है।
चुनाव बहिष्कार के खिलाफ कांग्रेस-भाजपा भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव के बहिष्कार को कायराना कदम करार दिया है। भाजपा का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनाव होने से लोकतंत्र मजबूत होगा और राज्य की बेहतरी होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले कांग्रेस ने भी भाजपा का समर्थन किया था और चुनाव बहिष्कार के फैसले की आलोचना की थी।
यह भी पढ़ेंः हार्दिक पटेल ने 19वें दिन तोड़ा अनशन, कहा- ‘जिंदा रहकर लड़ूंगा लड़ाई’ सियासी अस्थिरता का शिकार है राज्य उल्लेखनीय है कि आतंकी गतिविधियों के चलते अशांत रहने वाला कश्मीर इन दिनों सियासी अस्थिरता से भी जूझ रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी और भाजपा के गठबंधन से बनी सरकार लगातार अंतर्द्वंद्व के बाद आखिरकार टूट गई। भाजपा ने समर्थन वापस ले लिया और महबूबा अल्पमत में होने के चलते इस्तीफा देने को मजबूर हो गईं। इसी के बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लगा हुआ है।