वो 10 राजनेता जो आजतक कोई भी लोकसभा चुनाव नहीं हारे कांग्रेस द्वारा पेश की गई ‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति’ रिपोर्ट का मसौदा लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा ने तैयार किया है। लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा वर्ष 2016 में सेना के उत्तरी कमान के कमांडर थे। उस वक्त ही भारतीय सैनिकों ने उरी आतंकी हमले के बाद सीमापार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।
इस दौरान हुड्डा के साथ एक पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और पी. चिदंबरम ने संयुक्त प्रेसवार्ता आयोजित की। उन्होंने घोषणा की कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आएगी तो वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर इन पांच बिंदुओं पर अमल करेगी।
पी चिदंबरम ने कहा कि भविष्य में फिर इन योजनाओं का विस्तार और पुनरीक्षण होगा, क्योंकि सरकार की कई संस्थागत संरचनाएं हैं। मसलन, राष्ट्रीय सुरक्षा परामर्श बोर्ड, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद और सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति। उन्होंने कहा, “योजना के इन संस्थागत संरचनाओं से गुजरने के बाद सरकार इस पर अंतिम फैसला लेगी।”
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, “हमारा दृष्किोण अनौपचारिक नहीं है। हमारा दृष्टिकोण आवेगशील नहीं है। हमारा दृष्टिकोण यह है कि सावधानीपूर्वक अध्ययन और विचार-विमर्श के बाद हम अपने राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर जरूरी कदम उठाएंगे।”
लोकसभा चुनाव 2019: इन 7 सीटों पर है दिलचस्प मुकाबला, आपको होनी चाहिए जानकारी उन्होंने कहा कि पार्टी ने इसी महीने चुनावी घोषणा पत्र जारी करते समय हुड्डा की योजना की कई चीजें शामिल की हैं, जिनसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर पार्टी का नजरिया जाहिर होता है।
हुड्डा ने जन-सुरक्षा के मसले पर प्रकाश डालते हुए कहा, “जन-सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का मुख्य लक्ष्य है, जिसमें लोगों की सुरक्षा को तवज्जो दिया गया है। हमें जलवायु परिवर्तन की समस्या का समाधान करने की जरूरत है, साथ ही नौकरी की समस्या का भी निदान करना है।” राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर कांग्रेस ने कहा कि आतंकवाद के मसले पर पार्टी ने हमेशा शून्य सहिष्णुता दिखाई है।
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