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सीएम खट्टर बोले, असम की तरह हरियाणा में लागू करेंगे NRC

Published: Sep 16, 2019 10:09:53 am

Submitted by:

Navyavesh Navrahi

सीएम खट्‌टर ने गिनाई पांच साल की उपलब्धियां
राज्य में होगा स्वैच्छिक विभाग का गठन
समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों की ली जाएंगी सेवाएं

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NRC (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) असम में लागू हुआ है, तब से विवादों में भी है। इसी बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने ऐलान किया है कि असम की तरह वे भी अपने राज्य में एनआरसी लागू करेंगे। यह भी कहा कि हरियाणा में कानून आयोग के गठन पर भी विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों की सेवाएं लेने के लिए अलग से एक स्वैच्छिक विभाग भी गठित किया जाएगा।
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मुख्यमंत्री ने यह बातें अपनी सरकार के पिछले पांच साल के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों की जानकारी देने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। इस दौरान सीएम खट्‌टर ने कहा कि- पार्टी की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर पांच दिवसीय महासंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। उसी के तहत वे पंचकूला में विभूतियों से मिल रहे हैं।
खट्टर ने कहा कि- हरियाणा सरकार परिवार पहचान पत्र पर तेजी से कार्य कर रही है। इसी के आंकड़ों का उपयोग राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) में किया जाएगा। उन्होंने न्यायमूर्ति एचएस भल्ला के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि- रिटायर होने के बाद भी वे एनआरसी डाटा का अध्ययन करने के लिए असम के दौरे पर जा रहे हैं।
मनोहर लाल ने कहा कि उनका उद्देश्य सरकार की ओर से पिछले पांच साल के कार्यकाल में किए गए कार्यों से लोगों को अवगत कराना है। भविष्य में राज्य के विकास के लिए क्या किया जाना चाहिए, इस बारे में भी वे प्रबुद्ध लोगों से सुझाव ले रहे हैं।
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खट्‌टर ने कहा कि अच्छे सुझावों को हम अपने संकल्प पत्र में शामिल करेंगे। सीएम ने कहा कि विकास कार्यों का ऑडिट समाज के प्रबुद्ध लोग करें, इसके लिए सोशल ऑडिट सिस्टम लागू किए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसमें पूर्व सैनिकों, अध्यापकों, इंजिनियर या किसी अन्य प्रकार की विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाली विभूतियों को शामिल किया जाएगा। आने वाले समय में इसके लिए अलग से एक स्‍वैच्छिक विभाग का गठन किया जाएगा।
इस दौरान उन्होंने हरियाणा राज्य मानव अधिकार आयोग के पूर्व चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) एचएस भल्ला, पूर्व ऐडमिरल जेएस लांबा और लेफ्टिनेंट सेवानिवृत्त बलजीत सिंह जायसवाल से भी मुलाकात की।

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बता दें, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी NRC का खुले तौर पर विरोध कर चुकी हैं। इस पर उन्होंने भाजपा को चेतावनी तक दी थी कि वे एनआरसी के नाम पर आग से ना खेलें। उन्होंने कहा था कि वह अपने राज्य में एनआरसी लागू नहीं होने देंगी।

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