इसलिए सीएम केजरीवाल ने अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, त्रिपुरा, बिहार, नगालैंड और मेघालय के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में यह दावा किया गया कि संशोधन के बाद विद्युत के क्षेत्र में राज्य शक्तिहीन हो जाएंगे। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मैं जानता हूं कि आप भाजपा गठबंधन से हैं और आपके लिए संशोधन के खिलाफ बोलना आसान नहीं होगा। लेकिन मैं आपसे प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से मिलने और उन्हें इस संशोधन के खतरे बताने का विनम्र निवेदन करता हूं।
उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चेतावनी देते हुए कहा कि संशोधनों से बिजली बहुत महंगी हो जाएगी। गरीब और मध्यम वर्ग पर बहुत बुरी चोट पड़ेगी। केंद्र दोहरी सब्सिडी खत्म करना चाहता है। किसानों को सस्ती और निशुल्क बिजली मुहैया कराने तथा उद्योगों तथा वाणिज्यिक इकाइयों पर ज्यादा कर वसूलने के लिए लगभग सभी राज्य दोहरी सब्सिडी का उपयोग करते हैं। केजरीवाल ने कहा कि संशोधन होने पर किसानों, उद्योगपतियों, वाणिज्यिक, आवासीय और कृषक उपभोक्ताओं तथा दिल्ली को 7.50 रुपए प्रति इकाई भुगतान करना होगा।
आपको बता दें कि दिल्लीवासियों को 200 यूनिट तक एक रुपए प्रति यूनिट तथा 400 यूनिट का उपयोग करने वालों को 2.50 रुपए प्रति यूनिट का भुगतान करना पड़ता है। यह संशोधन होने के बाद दोनों श्रेणियों को 7.50 रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा। अगर बिजली का बिल बढ़ा तो केजरीवाल की छवि जनता के बीच खराब हो सकती है। खासकर लोकसभा चुनाव के दौरान बिजली के बिलों में बढ़ोतरी से आम आदमी पार्टी का बड़ा नुकसान हो सकता है।