मिशन 2019 की रिहर्सल में जुटे राजनीतिक दल, भाजपा ने तीन राज्यों में इन केंद्रीय मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी ये है सीटों का गणितभाजपा पंचायत समिति की सात में से पांच सीटों पर जीत हुई है जबकि भाजपा की सहयोगी पार्टी इंडीजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने ग्राम पंचायत की नौ सीटों पर कब्जा किया है वहीं कांग्रेस और माकपा ने ग्राम पंचायत की चार-चार सीटों पर सफलता पाई।
आपको बता दें कि ग्राम पंचायत की 132 सीटों और पंचायत समिति की सात सीटों के लिए उपचुनाव 30 सितंबर 2018 को हुआ था। त्रिपुरा में भाजपा की सरकार बनने के बाद बड़े पैमाने पर वाम दलों के प्रतिनिधियों के इस्तीफा देने के बाद ये सीटें खाली हुई थीं। त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। बीजेपी ने त्रिपुरा में इसी साल हुए विधान सभा चुनावों में करीब ढाई दशकों से सत्ता में काबिजल कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) को सत्ता से बाहर कर दिया था।
त्रिपुरा की कुल 60 विधान सभा सीटों में से 44 पर जीत हासिल करके बीजेपी ने सरकार बनायी थी। बिप्लब कुमार देब राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। एसईसी ने बताया कि भाजपा की सहयोगी पार्टी इंडीजीनियस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने ग्राम पंचायत की नौ सीटों पर कामयाबी हासिल की।
मौसम अपडेटः केरल समेत कई राज्यों में अगले 24 घंटे बारिश का अलर्ट, दिल्ली-एनसीआर में पड़ रही जून जैसी गर्मी विपक्ष ने की फिर से चुनाव प्रक्रिया की मांग नामांकन को लेकर विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेतृत्व में वाम मोर्चा, कांग्रेस और जनजातीय आधारित पार्टी ने काफी हंगामा किया था क्योंकि इन पार्टियों का दावा किया था कि भारी हिंसा की वजह से उनके उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल नहीं कर पाए थे और इसी वजह से वो वापस चुनावी प्रक्रिया को करने की मांग की थी लेकिन उनके इल्जामों से एसईसी ने इंकार किया था।