बैठक में कांग्रेस कार्यसमिति ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। कार्यसमिति ने कहा है कि मौजूदा केंद्र सरकार संसदीय जनतंत्र पर हमला कर उसे कमजोर कर रही है। नोटबंदी पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा गया कि इसने छोटे उद्यमियों की कमर तोड़ दी है। कांग्रेस के मुताबिक, सवालों से बचने के लिए केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र नहीं बुला रही है। सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस केंद्र सरकार से सवाल पूछती रहेगी।
कार्यसमिति ने अध्यक्ष निर्वाचित करने के लिए संगठन चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। इसकी प्रक्रिया एक दिसम्बर को शुरू हो जाएगी। अध्यक्ष पद की उम्मीदवारी के लिए 4 दिसम्बर नामांकन की अंतिम तारीख है। नामांकन भरने वाले प्रत्याशी 11 दिसंबर तक नाम वापस ले सकते हैं। अगर मुकाबले में कोई नहीं उतरा तो 11 दिसंबर को ही राहुल को पार्टी अध्यक्ष घोषित कर दिया जाएगा। अगर कोई अन्य नेता भी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन करता है, तो 16 दिसम्बर को मतदान किया जाएगा। मतदान का परिणाम 19 दिसम्बर को घोषित किया जाएगा।
13 साल से सक्रिय राजनीति में
राहुल गांधी ने राजनीति में 2004 में प्रवेश किया था। उस वक्त वे अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे। बाद में राहुल गांधी को 2007 में कांग्रेस में संगठन महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान कांग्रेस 10 साल तक सत्ता में रही, लेकिन राहुल कभी भी मनमोहन सिंह की कैबिनेट में शामिल नहीं रहे और वे पार्टी के मोर्चे से ही राजनीति करते रहे।
2012 में कांग्रेस की कमान राहुल गांधी को सौंपने की मांग तेज होने लगी थी। उस वक्त कांग्रेस का एक धड़ा राहुल गांधी को मनमोहन सिंह के स्थान पर प्रधानमंत्री भी बनाने की वकालत कर रहा था। जयपुर में जनवरी 2013 में राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया। तब से उन्हें लगातार अध्यक्ष बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे, और माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद ऐसा होगा, लेकिन अब चार साल बाद उन्हें अध्यक्ष बनाया गया है।