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अरुण जेटली ने नोटबंदी के फैसले को बताया सही, कहा- पटरी पर लौटी अर्थव्यस्था

Published: Nov 08, 2018 12:41:50 pm

Submitted by:

Dhirendra

नोटबंदी के फैसला का लाभ यह मिला कि 17.42 लाख खाताधारक संदिग्ध मिले और कालाधन लोगों को बैंकों में जमा करना पड़ा।

arun jaitely

अरुण जेटली ने नोटबंदी के फैसले को बताया सही, कहा- पटरी पर लौटी अर्थव्यस्था

नई दिल्‍ली। दो साल पहले मोदी सरकार ने देशभर में नाटकीय अंदाज में नोटबंदी लागू की थी। इस नीति के तहत सरकार ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट को लीगल टेंडर से बाहर घोषित कर दिया था। लीगल टेंडर वाले मोदी सरकार के इस फैसले को आज दो साल पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधा और कहा कि अर्थव्यवस्था की तबाही वाले इस कदम का असर अब स्पष्ट हो चुका है और इससे देश का हर व्यक्ति प्रभावित हुआ। उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया है। उन्‍होंने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पटरी पर लौटी है।
बैंक में कैश जमा करने पर मजबूर होना पड़ा
जेटली ने कहा कि इसके जरिए सरकार ने देश के बाहर जमा हुए कालेधन को निशाना बनाया। नोटबंदी भारत सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय था। सरकार ने इसके जरिए देश से बाहर मौजूद कालेधन को निशाना बनाया। संपत्ति धारकों से कहा गया कि वह दंड का भुगतान करके उस पैसे को वापस लेकर आएं। दो साल बाद जो लोग कालेधन को वापस लाने में असफल रहे उनपर काला धन अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है। उन सभी खातों और संपत्तियों की जानकारी सरकार के पास पहुंची और फिर उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई। नोटबंदी की वजह से लोगों को कैश बैंक में जमा करने पर मजबूर होना पड़ा। जमा किए गए नकद की विशालता और मालिक की पहचान किए जाने के परिणामस्वरूप 17.42 लाख खाताधारक संदिग्ध मिले।
उधार देने की क्षमता में हुई बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ने बताया कि बैंकों में जमा हुई बड़ी राशियों की वजह से बैंक की उधार देने की क्षमता में सुधार हुआ। इसमें से बहुत सी राशि को आगे के निवेश के लिए म्यूचुअल फंड्स में लगाया गया। यह औपचारिक प्रणाली का हिस्सा बन गया है। वित्त वर्ष 2018-19 में व्यक्तिगत आयकर पिछले साल की तुलना में 20.2 प्रतिशत ज्यादा रहा। वहीं कॉर्पोरेट कर संग्रह 19.5 प्रतिशत ज्यादा रहा। नोटबंदी से दो साल पहले प्रत्यक्ष कर संग्रह में 6.6 और 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्‍होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला पूरी तरह से सही है और इसका लाभ भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को मिलने लगा है।
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