उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले पर शंका जाहिर करते हुए कहा कि क्या कुछ ऐसा है जिसे सरकार छिपाना चाहती है। आनंद शर्मा का कहना था कि सीवीसी की रिपोर्ट में अगर सुप्रीम कोर्ट को कुछ गलत लगता तो उस पर कार्रवाई करता। कहीं ऐसा तो नहीं कि सीवीसी पीएम के इशारे पर काम कर रहा था। आनंद शर्मा ने कहा कि आधी रात को सीबीआई चीफ को क्यों हटाया गया, इसका जवाब नहीं मिल पाया है। एक सामान्य आदमी न्याय की अपेक्षा करता है। सरकार से उसकी अपेक्षा आलोक वर्मा भी कर सकते हैं। क्या कुछ ऐसा है कि जिसकी जांच पीएम नहीं चाहते या किसी व्यक्ति को जांच से बचाना चाहते हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शर्मा ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने अपना प्रतिनिधि भेजा था। कांग्रेस से खड़गे कमेटी में थे, लेकिन सवाल अपनी जगह कायम हैं। उन्होंने मांग की कि आलोक वर्मा को अपना कार्यकाल पूरा करने दिया जाए। एक कमेटी इस मामले की जांच करे कि आखिर आधी रात को उन्हें क्यों हटाया गया। क्या यह सब पीएम के इशारे पर हो रहा है कि किसे सीबीआई चीफ बनाना है या किसे हटाना है। वह कौन सी चीजें हैं जिस पर सरकार पर्दा डालना चाहती है। आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि सीवीसी के साथ सीबीआई ने भी अपनी विश्वसनीयता खो दी है. अब इस संस्था में विश्वास कैसे बहाल होगा।