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राम मंदिर पर भी सबरीमला की तरह फैसला सुनाए कोर्ट: योगी
राम जन्म भूमि पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु होने से पहले जमकर राजनीतिक बयानबाजी चल रही है। शनिवार रात दिल्ली में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए सीएम योगी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ भेदभाव की स्थिति नहीं होनी चाहिए। अगर सुप्रीम कोर्ट केरल के सबरीमला मंदिर पर अपना फैसला सुना सकता है तो हमारी भी अपील है कि अदालत को अयोध्या के राम मंदिर के मुद्दे पर भी फैसला देना चाहिए। बेशक इस बयान के बाद योगी ने कहा कि प्रभु राम पर करोड़ों लोगों की धार्मिक भावना है, इसलिए इस मामले को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। लेकिन जिस तरह लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी एकबार फिर राम मंदिर राग अलाप रही है, उससे इस बयान का धार्मिक के साथ राजनीतिक मतलब निकलना लाजमी है।
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कांग्रेस बोली- मुख्यमंत्री को संविधान का ज्ञान नहीं
योगी के बयान के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भारत देश के लिए यह दुखद है कि यहां ऐसे मुख्यमंत्री भी हैं, जिन्हें संविधान तक का ज्ञान नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से टाइटल सूट यानि जमीन विवाद पर सुनवाई होनी है।
बीजेपी अध्यक्ष ने सबरीमला पर किया सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध
केरल के कन्नूर में शनिवार को ही एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी अमित शाह ने सबरीमला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया था। उन्होंने खुलकर कहा था कि कोर्ट को ऐसे आदेश नहीं देने चाहिए जो लोगों की आस्था का सम्मान न कर सकें। शाह ने कहा कि आर्टिकल 14 की दुहाई दी जाती है और 25 व 26 के तहत धर्म के अनुसार रहने का मुझे अधिकार है। उन्होंने कहा कि एक मौलिक अधिकार दूसरे को नुकसान कैसे पहुंचा सकता है। हिंदू धर्म ने कभी परंपराओं में महिलाओं के साथ अन्याय नहीं किया, बल्कि उनको देवी मानकर पूजा है।