बिग ब्रेकिंगः इसरो के इस निदेशक ने किया बड़ा दावा, चंद्रयान-2 मिशन को बताया पूरी तरह फेल इस विज्ञप्ति के मुताबिक मंगलवार को राजू बिस्टा कलिमपोंग में सिंजी प्राथमिक विद्यालय का उद्घाटन करने जा रहे थे। उनके साथ भारतीय जनता पार्टी और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता भी थे। जब सांसद का काफिला सिंजी के चार पुल में मंदिर खोला पर पहुंचा, अचानक वहां 80-100 टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उनका रास्ता रोक लिया।
कमांडरों की कॉन्फ्रेंस के बाद रक्षा मंत्री का बड़ा ऐलान, पाकिस्तान को दी वार्निंग.. देशवासी हो जाएं.. इनमें से ज्यादातर नशे में थे। पहले तो उन्होंने नारेबाजी की और फिर उन्होंने खुखरी, चाकू और अन्य नुकीले हथियारों से हमला करने के साथ ही सांसद और उनके कार्यकर्ताओं के ऊपर पत्थरबाजी शुरू कर दी।
इस हमले में भाजपा-जीजेएम पार्टी के कार्यकर्ता घायल हो गए। इतना ही नहीं सांसद का बचाव करने के दौरान उनके निजी सुरक्षा गार्डों को भी चोटें आईं।
मंदिर निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से लोगों में छाई खुशी की लहर, मोदी सरकार ने.. बिस्टा ने आरोप लगाया कि यह हमला पश्चिम बंगाल पुलिस के बिना किसी रणनीतिक सहायता के संभव नहीं था। बिस्टा ने बताया कि उन्हें कुछ लोगों से इस हमले की पूर्व में जानकारी मिली थी, जिसके बाद बीती रात कलीमपोंग के पुलिस अधीक्षक एसपी यादव को फोन कर अपने ऊपर हमले की आशंका भी जाहिर की थी।
आप का बड़ा आरोप, भाजपा वापस लेगी मुफ्त बिजली योजना बिस्टा ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी सूचित किया था कि वो इस संभावित खतरे को देखते हुए उन्हें उचित सुरक्षा मुहैया कराएं, ताकि वो बतौर सांसद अपने दायित्वों का बिना किसी रोक-टोक के निर्वाह कर सकें।
उन्हें सभी अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि सबकुछ सामान्य रहेगा और उन्हें सुरक्षा को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं।
अभी-अभीः विक्रम लैंडर से संपर्क से पहले चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने किया सबसे बड़ा काम, इसरो ने दे दी पूरी जानकारी हालांकि उनके सुरक्षा के इंतजाम उचित नहीं थे और उनके ऊपर किए गए हमले में उनकी जान लेने की कोशिश तो की ही गई, उनके सुरक्षा गार्ड समेत जीजेएम और भाजपा के कई कार्यकर्ता भी घायल हुए।
ब्रेकिंगः JK गर्वनर सत्यपाल मलिक की बड़ी चेतावनी, अगर अब नहीं सुधरे तो अंदर घुसकर कर देंगे… उन्होंने बताया कि इस महीने यह दूसरी घटना है जब उनके ऊपर सुनियोजित हमला किया गया और पश्चिम बंगाल पुलिस केवल मूकदर्शक बनी रही।