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जम्मू को भगवा रंग में रंगने की तैयारी, सम्‍मेलन में शामिल होंगे 50 हजार लोग

locationनई दिल्लीPublished: Dec 10, 2018 01:02:17 pm

Submitted by:

Dhirendra

केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से जम्‍मू में बड़े पैमाने पर संत सम्‍मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

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जम्मू को भगवा रंग में रंगने की तैयारी, 50 हजार से ज्‍यादा लोगों को जुटाने की तैयारी

नई दिल्‍ली। अयोध्‍या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण अभी नहीं तो कभी नहीं अभियान के तहत उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली को भगवामय बनाने के बाद अब जम्‍मू को भगवा रंग में रंगने की तैयारी शुरू हो गई है। इस मिशन को सफल बनाने के लिए संघ, विश्‍व हिंदू परिषद सहित अन्‍य हिंदू संगठनों ने मुहिम छेड़ दी है। जम्‍मू में बड़े पैमाने पर संत सम्‍मेलन का आयोजन केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से किया जा रहा है। यही कारण है कि बड़े पैमाने पर संत महात्मा जम्मू में जुटाने की तैयारी है।
16 दिसंबर को परेड कार्यक्रम
जम्‍मू में 16 दिसंबर को परेड में कार्यक्रम की अगुवाई करने के लिए विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज आ रहे हैं। इसके अलावा जगद्गुरु रामनंदचार्य स्वामी हंसदेवचार्य जी हरिद्वार वाले भी शिरकत कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में हिंदू संगठनों के धर्माचार्य अपनी बात हिंदू समाज के समक्ष रखेंगे। बता दें कि स्‍वामी जी अखिल भारतीय संत समिति के संरक्षक भी हैं। जम्मू और कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से संत महात्मा भी भाग लेंगे और राम मंदिर बनाने के मुद्दे पर अपने विचार रखेंगे। विशाल धर्म सभा के आयोजन के लिए तैयारियां की जा रही हैं। संत महात्माओं को निमंत्रण भेजे जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में 50 हजार लोगों को शामिल करने का लक्ष्य है। इसी के अनुरूप तैयारियां चल रही हैं। इसी बीच हिंदू जागरण मंच की एक बैठक भी हुई, जिसकी अध्यक्षता महामंत्री अजय मन्हास ने की। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जम्‍मू में हर स्‍तर पर हिंदू संगठनों से जुड़ी इकाईयों को सक्रिय कर दिया गया है।
भगवा रंग में रंगा रामलीला मैदान
आपको बता दें कि रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई धर्मसभा ने हिंदू संगठनों ने इतिहास रच दिया है। विश्व हिंदू परिषद का दावा है कि वर्ष 1977 में हुए जय प्रकाश नारायण आंदोलन के बाद ऐसा जन सैलाब शायद ही किसी और आंदोलन में दिखा हो। राम मंदिर के लिए रामलीला मैदान में रामभक्तों का जत्था राजघाट, आइटीओ और मिलेनियम बस डिपो तक दिखाई दे रहा था। तीन से चार किलोमीटर तक लोग पैदल चलकर रामलीला मैदान पहुंचे। विहिप का दावा है कि रामभक्त 13 हजार बसों से रामलीला मैदान पहुंचे थे।
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