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माल्या विवाद पर सियासत गर्म, जेटली माफी मांगें और इस्तीफा दें : आप

locationनई दिल्लीPublished: Sep 13, 2018 09:48:00 pm

Submitted by:

Prashant Jha

भारतीय राजनीति में एक बार फिर किंगफिशर का मुद्दा उछला है। विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने सामने है।

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माल्या विवाद पर सियासत गर्म, जेटली माफी मांगें और इस्तीफा दें : आप

नई दिल्ली: विजय माल्या विवाद पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने है। विपक्ष अरुण जेटली से इस्तीफा देने की मांग पर अड़ा है। आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से इस्तीफे की मांग की और कहा कि उन्हें यह स्पष्ट करते हुए ब्लॉग लिखना चाहिए कि क्या वह भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के देश छोड़कर भागने की योजना से अवगत थे। आप नेता दिलीप पांडे ने यहां मीडिया से कहा कि अरुण जेटली हर मुद्दे पर ब्लॉग लिखने के लिए प्रसिद्ध हैं, उन्हें देश के लोगों से माफी मांगते हुए ब्लॉग लिखना चाहिए और जब तक इस मामले में उनका नाम हट नहीं जाता, उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।” पांडे ने पूछा कि ‘किसने सीबीआई को यह आदेश दिया कि माल्या के लिए लुकआउट नोटिस को बदलकर रिपोर्टिग नोटिस में बदला जाए।’ उन्होंने कहा, “विजय माल्या के मामलों की जांच कर रहे सभी विभाग अरुण जेटली के अधीन आते हैं। इसलिए यह कहना कि केंद्र सरकार माल्या की हरकतों से अवगत नहीं थी, देश को धोखा देना होगा।”

भाजपा ने कांग्रेस पर कसा तंज

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने देश के भगोड़ा और बैंक डिफाल्टर विजय माल्या को भगाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर यूपीए सरकार को कठघरे में खड़ा किया । केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यूपीए सरकार ने माल्या को विशेष छूट दी। इस सरकार ने बार बार इस कंपनी को बेलआउट पैकेज जारी किया। इतना ही नहीं कांग्रेस ने बैंकों को माल्या को लोन देने के लिए भी मजबूर किया। कांग्रेस के दबाव में भारतीय रिजर्व बैंक ने माल्या को छूट दी।

कांग्रेस ने सबूत बताकर आरोप लगाए

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि विजय माल्या के विदेश जाने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच लंबी बातचीत हुई थी। उनकी मुलाकात के ‘सबूत’ के मद्देनजर जेटली को इस्तीफा दे देना चाहिए। गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में आरोप लगाया कि जेटली और माल्या के बीच कोई न कोई ‘डील’ हुई थी। जेटली का यह कहना पूरी तरह ‘झूठ’ है कि माल्या के साथ उनकी मुलाकात संसद के गलियारे में चलते-चलते कुछ पल के लिए हुई थी। उन्होंने दावा किया कि वास्तव में दोनों के बीच लंबी बैठक हुई थी।

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