ओलांद के बयान पर सियासत तेज गौरतलब है कि पूर्व फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने कहा है कि रफाल सौदे में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को फ्रांस ने नहीं चुना था। उन्होंने दावा है कि रिलायंस डिफेंस का नाम भारत सरकार की तरफ से सुझाया गया था। ओलांद ने कहा कि फ्रांस की रक्षा कंपनी दसाल्ट के पास कोई विकल्प नहीं था इसलिए हमने वही कंपनी का चुनाव किया जिसका नाम भारत की तरफ से सुझाया गया था।
विवाद बढ़ा तो रक्षा मंत्रालय ने दी सफाई भारतीय रक्षा मंत्रालय ने विवाद बढ़ने पर सफाई दी है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान संबंधी रपट में कहा गया है कि भारत सरकार ने राफेल में डसॉल्ट एविएशन के ऑफसेट पार्टनर के रूप में किसी खास निजी कंपनी की तरफदारी की। इसकी जांच की जा रही है। यह दोहराया गया है कि व्यावसायिक फैसले से न तो भारत सरकार का कोई लेना-देना है और न ही फ्रांस की सरकार का।
राहुल ने पीएम पर कसा तंज वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया । राहुल गांधी ने कहा कि ओलांद का बयान सच है या नहीं यह तो बाद की बात है। लेकिन पीएम मोदी इसपर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। पीएम इस पर जवाब क्यों नहीं देते । राहुल ने कहा कि पीएम मोदी की चुप्पी से मैं हैरान हूं। राहुल ने कहा कि रक्षा मंत्री ने नहीं बल्कि खुद पीएम मोदी ने रफाल डील किया। इनके कहने पर अनिल अंबानी की कंपनी को ठेका मिला। पीएम मोदी ने अंबानी को 30 हजार करोड़ का तोहफा दिया। यूपीए शासन में एक रफाल की कीमत 526 करोड़ रुपए था।