शुरुआत जितिन प्रसाद से कर रहे हैं…
ब्रिगेड का नेतृत्व यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद कर रहे हैं, पीलीभीत से मैदान में हैं
जितिन प्रसाद कांग्रेस के पूर्व दिग्गज जीतेंद्र प्रसाद के बेटे हैं और उन्हें उस सीट को बरकरार रखने का काम दिया गया है जिसे गांधी परिवार – मेनका और वरुण गांधी का गढ़ माना जाता है। वरुण को टिकट नहीं दिया गया है और जितिन प्रसाद अब मोदी लहर पर सवार हैं।
साल 2009 में, प्रसाद ने धौरहरा से चुनाव लड़ा और जीता। हालांकि, वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से 2014 और 2019 का चुनाव वो हार गए। प्रसाद 2021 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए और उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया गया और योगी कैबिनेट में फिलहाल मंत्री हैं।
कैराना से इकरा हसन का भविष्य भी इसी चुनाव में होगा तय
दूसरी उम्मीदवार इकरा हसन हैं जो समाजवादी टिकट पर कैराना सीट से चुनाव लड़ रही हैं। उनके दादा अख्तर हसन, पिता मुनव्वर हसन और मां तबस्सुम हसन कई बार इस सीट से जीत चुके हैं। उनके भाई नाहिद हसन कैराना विधानसभा सीट से दूसरी बार सपा विधायक हैं, लेकिन हाल ही में जमानत मिलने तक उन्होंने पिछले कुछ साल जेल में बिताए। इकरा हसन 2022 में चुनावी मैदान में उतरीं जब उन्होंने जेल में बंद अपने भाई नाहिद हसन के लिए प्रचार किया और सीट पर उनकी जीत सुनिश्चित की। इस बार वह चुनावी मैदान में हैं और उनका मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप चौधरी से है। कैराना लोकसभा सीट से मौजूदा बीजेपी सांसद प्रदीप चौधरी को राष्ट्रीय लोक दल भी समर्थन दे रहा है जो अब एनडीए का हिस्सा है।
इमरान मसूद का वर्चस्व यही चुनाव तय करेगा
इमरान मसूद का भविष्य भी सहारनपुर सीट से इसी चुनाव में तय होगा कि उनका राजनीतिक भविष्य अभी बचा है कि नहीं।