11 बाघ है क्षेत्र में टाइगर रिजर्व के बाहर अमरिया तहसील क्षेत्र में 2012 में बाघ की चहलकदमी शुरू हुई थी। उस समय दो बाघों की मौजूदगी इंसानों पर भारी पड़ने लगी थी और कई लोग बाघ का निवाला बन गए। जिसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ तो बाघों को पकड़ने का अभियान चलाया गया लेकिन ये अभियान सफल नहीं हो पाया और बाघों ने आबादी क्षेत्र को पसंद कर लिया और अपनी दूसरी पीढ़ी को जन्म दिया और यहाँ पर बाघों की संख्या छह हो गई। जिसके बाद बाघों को यहाँ से शिफ्ट करने की योजना बनी लेकिन ये योजना सफल नहीं हो सकी। जिसके बाद बाघ की तीसरी पीढ़ी भी धरातल पर आ गई। मौजूदा समय में यहाँ बाघों की संख्या 11 हो गई है। जिसमे दो नर बाघ, बाघिन और शावक हैं।
इंसानों पर नहीं करते हमला अमरिया क्षेत्र में प्रवास किए बाघों ने शुरू में तो कई इंसानों को अपना निवाला बनाया लेकिन बीते एक साल में जंगल के बाहर बाघ इंसानों पर हमला नहीं कर रहे हैं। 10 अगस्त 2017 को बेहरी निवासी कुंवरपाल को बाघ ने अपना निवाला बनाया था लेकिन उसके बाद से बाघ ने किसी को भी निवाला नहीं बनाया है। अप्रैल 2018 में बाघ ने उदयपुर गाँव की दो महिलाओं को घायल कर दिया था उसके बाद से जंगल के बाहर बाघ के हमले की कोई घटना भी सामने नहीं आई है।
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