यह था पूरा घटनाक्रम
दरअसल पीलीभीत जिले के जहानाबाद थाना क्षेत्र के बेनीपुर गांव में मंगलवार सुबह का खाना खाने के बाद संदिग्ध हालात में पांच लोगों की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जिले के डीएम डा. अखिलेश कुमार मिश्र और एसपी बालेन्दु भूषण सिंह घटनास्थल पहुंच गए और उन्होनें कई बिंदुओ पर जांच की। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सूचना मिलने पर डॉग स्क्वायड टीम व फारेन्सिक की टीम भी मौके पर पहुँच गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जब मृत्यु का कारण जहरीला पदार्थ निकला तो पुलिस ने और छानबीन की । मरने वाले में परिवार का मुखिया वेगराम (55), पत्नी राम वती (53), पुत्र नेम चंद्र (40), गायत्री नेम चन्द्र की बहन (28) व ममता नेम चन्द्र की पत्नी (30) थे। जांच में पता चला कि वेगराम के घर 5 लाख रूपये भी रखे थे जो उसने जमीन खरीदने के वास्ते जमा किये थे।
यह हुआ खुलासा दोस्त ही निकला कातिल
एडीजी जोन बरेली प्रेमप्रकाश ने खुलासे करते हुए बताया कि मृतक वेगराम का पुत्र मृतक नेमचंद्र रेलवे में गेटमैन की नौकरी अटमंडा में कर रहा था। वहां उसकी दोस्ती बरेली जनपद के भौजीपुरा थाना क्षेत्र के गुलशेर से हुई गुलशेर खुद को एक तांत्रिक भी बताता था, और नेमचंद ने बताया था कि कोई तंत्र विद्या करके पडोसियों ने निजाद दिलवाए। वहीं नेमचंद ने कुछ दिन पूर्व ही बताया कि वो एक जमीन खरीद रहा है और उसके लिए उसने पांच लाख रूपये जमा किये है। गुलशेर को जम पांच लाख रूपये की बात पता चली तो उसने अपने एक और अन्य साथी के साथ प्लान बनाया। मंगरवर सुबह गुलशेर अपने एक साथी के साथ नेमचंद के घर पहुँचा जहां उसने मौका देखकर दूध में कीटनाशक मिला दिया जिसको पीने के बाद सभी पांच परिवार के लोगो की मौत हो गई। गुलशेर अपने साथी के साथ 5 लाख रूपये लेकर रफूचक्कर हो गया। पुलिस ने आज गुलशेर को गिरफ्तार कर 3 लाख 85 हजार रूपये बरामद कर हत्या में प्रयोग की गई कीटनाशक की डिब्बी भी बरामद की है। आरोपी गुलशेर को पुलिस ने जेल भेज दिया है और दो फरार आरोपी इकरार व संजीव की तलाश जारी है।