जिलाधिकारी डा0 अखिलेश कुमार मिश्र ने कवि सम्मेलन में बोलते हुए एक गरीब दिए बेचने वाली पर अपनी कविता पढ़ी ज़रा आप भी सुनिए। कविता के बोल थे वोह कैसे मनाये दिवाली वोह कैसे मनाये दिवाली !
एसडीएम वंदना त्रिवेदी ने पढ़ा
एसडीएम वंदना त्रिवेदी ने जब कविता पढ़नी शुरू की तो सभी भौचक्के हो गए। उन्होंने माता-पिता को प्रेरित एक कविता का पाठ किया आप भी सुने। एसडीएम वंदना त्रिवेदी के बोल थे बढ़ गई लकीरें भूढ़े बाबा के चेहरे की !