योग: वज्र नामक नैसर्गिक अशुभ योग रात्रि १२.३९ तक, तदन्तर सिद्धि नामक नैसर्गिक शुभ योग है। विशिष्ट योग: आज दोष समूह नाशक रवियोग नामक शुभ योग संपूर्ण दिवारात्रि, कुमार योग नामक शुभ योग पूर्वाह्न ११.२४ से सायं ५.२१ तक तथा सर्वार्थसिद्धि नामक शुभ योग सायं ५.२१ से अगले दिन सूर्योदय तक है। करण: कौलव नामकरण पूर्वाह्न ११.२४ तक, इसके बाद तैतिल-गरादि करण हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ९.३७ से दोपहर बाद १.३३ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा दोपहर बाद २.५२ से सायं ४.१० तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर ११.५३ से १२.३५ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल: अपराह्न ३.०० से ४.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।