पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि ५ अक्टूबर को शरद पूर्णिमा से कार्तिक स्नान प्रारम्भ हो जाएगा। महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान, तुलसी की परिक्रमा, दीपदान, भजन-कीर्तन करेंगी। दिन में एक बार तारों की छांव में भोजन करेंगी। कार्तिक मास में दीपदान का विशेष महत्व है। इस दौरान लोग घर की छत पर आकाशीय दीपक जलाते हैं। मान्यता है कि छत पर दीपक जलाने से घर में सौभाग्य में वृद्धि होती है।
शरद पूर्णिमा पर लगेगा खीर का भोग
शरद पूर्णिमा पर गुरुवार को मंदिरों-घरों में भगवान को खीर का भोग लगाया जाएगा। ठाकुरजी को धवल पोशाक धारण कराई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन चन्द्रमा १६ कलाओं से युक्त और पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होता है। इसलिए दमा, पित्त आदि रोग दूर करने के लिए चांदनी युक्त खीर खाई जाती है। इस दिन शहर में जगह-जगह औषधि युक्त खीर का वितरण भी होगा।
शरद पूर्णिमा पर गुरुवार को मंदिरों-घरों में भगवान को खीर का भोग लगाया जाएगा। ठाकुरजी को धवल पोशाक धारण कराई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन चन्द्रमा १६ कलाओं से युक्त और पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होता है। इसलिए दमा, पित्त आदि रोग दूर करने के लिए चांदनी युक्त खीर खाई जाती है। इस दिन शहर में जगह-जगह औषधि युक्त खीर का वितरण भी होगा।
कब कौनसा व्रत-त्यौहार
५ अक्टूबर : शरद पूर्णिमा
८ अक्टूबर : करवा चौथ
१२ अक्टूबर :अहोई अष्टमी
१५ अक्टूबर : रमा एकादशी
१६ अक्टूबर : गौवत्स द्वादशी
१७ अक्टूबर : धनतेरस
१८ अक्टूबर : रूप चतुर्दशी
१९ अक्टूबर : दीपावली
२० अक्टूबर : गोवद्र्धन पूजा
२१ अक्टूबर : भाईदूज
२५ अक्टूबर : सौभाग्य पंचमी
२४-२६ अक्टूबर : डाला छठ
२८ अक्टूबर : गोपाष्टमी
२९ अक्टूबर : आंवला नवमी
३१ अक्टूबर : देव प्रबोधिनी एकादशी
३ नंवबर : वैकुंठ चतुर्दशी
४ नवंबर : कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली
५ अक्टूबर : शरद पूर्णिमा
८ अक्टूबर : करवा चौथ
१२ अक्टूबर :अहोई अष्टमी
१५ अक्टूबर : रमा एकादशी
१६ अक्टूबर : गौवत्स द्वादशी
१७ अक्टूबर : धनतेरस
१८ अक्टूबर : रूप चतुर्दशी
१९ अक्टूबर : दीपावली
२० अक्टूबर : गोवद्र्धन पूजा
२१ अक्टूबर : भाईदूज
२५ अक्टूबर : सौभाग्य पंचमी
२४-२६ अक्टूबर : डाला छठ
२८ अक्टूबर : गोपाष्टमी
२९ अक्टूबर : आंवला नवमी
३१ अक्टूबर : देव प्रबोधिनी एकादशी
३ नंवबर : वैकुंठ चतुर्दशी
४ नवंबर : कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली
दस्तक देगी ठंड
शरद पूर्णिमा के साथ ऋतु में बदलाव का दौर शुरू होगा। गर्मी से राहत मिलेगी और ठंड असर दिखाने लगेगी। इससे लोगों के पहनावे में बदलाव शुरू हो जाएगा। बदलेगा खान-पान
मंदिरों में प्रसाद-झांकी, लोगों के खान-पान में बदलाव शुरू हो जाएंगे। गुड़-मूंगफली, गजक के साथ मूली, मूंग, बाजरा आदि खान-पान में शामिल होंगे। अन्नकूट का भोग भगवान को लगाया जाएगा।
शरद पूर्णिमा के साथ ऋतु में बदलाव का दौर शुरू होगा। गर्मी से राहत मिलेगी और ठंड असर दिखाने लगेगी। इससे लोगों के पहनावे में बदलाव शुरू हो जाएगा। बदलेगा खान-पान
मंदिरों में प्रसाद-झांकी, लोगों के खान-पान में बदलाव शुरू हो जाएंगे। गुड़-मूंगफली, गजक के साथ मूली, मूंग, बाजरा आदि खान-पान में शामिल होंगे। अन्नकूट का भोग भगवान को लगाया जाएगा।