मामला उजागर होने पर गांव के डीलर ने 20-20 किलो चावल और गेहूं पीड़िता के घर भिजवाए, पर तब तक काफी देर हो चुकी थी। प्रशासन इसके पीछे बीमारी की वज़ह बता रहा है। हालांकि पड़ोसियों की मानें तो पीड़ित परिवार के घर में कुछ भी नहीं है। मृत बच्चों की मां भी भूख और तंगी से कृशकाय हो चुकी है। जिला प्रशासन जांच में जुट गया है।
हालांकि जांच पूरी होने के पहले ही मौत की वजह बीमारी को बता कर प्रशासन फिर से सवालों के घेरे में आ गया है। बच्चों की मौत से बुरी तरह हिल चुकी मां जार-जार रो रही है। उसके तीन बच्चों में अब एक गोविंदा ही बचा है, जो खुद भी बीमार और काफी कमजोर दिखता है।
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