भारत में प्रवेश के नए रास्तों की तलाश में आतंकी
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) निष्प्रभावी किए जाने से बौखलाए पाकिस्तान को दुनिया भर में कहीं समर्थन नहीं मिलने से उसकी बौखलाहट बढ़ गई है। भारत के ठोस रवैये से भी उसकी दाल नहीं गली। सीमा पर भी सुरक्षा बंदोबस्त कड़ा होने के चलते आतंकियों के घुसपैठ के रास्ते भी बंद हैं। लिहाज़ा उसने वही तरीके आजमाना बेहतर समझा, जो वह करता आया है। भारत में नेपाल के रास्ते प्रशिक्षित आतंकियों ( Trained Terrorist ) को प्रवेश दिलाकर विभिन्न स्थलों पर आतंकी वारदात कराना उसका बड़ा शगल रहा है और वह फिर इसी रास्ते पर उतर आया।
नेपाली सुरक्षा तंत्र भी सक्रिय
नेपाल में सात 7 प्रशिक्षित पाकिस्तानी आतंकियों के देखे जाने के बाद नेपाली सुरक्षा निकाय के अधिकारी हरकत में आ गए हैं।वीरगंज और उससे पूर्व काठमांडू में इन्हें देखे जाने के.बाद इन्हें पकड़ने के लिए सघन छापेमारी की जा रही है। खुफिया सूत्रों के अनुसार पिछले हफ्ते ये संदिग्ध काठमांडू हवाई अड्डे ( Kathmandu Airport ) पर देखे गए थे। ये वहां कई संगठनों के लोगों सें संपर्क में रहे। लेकिन वीरगंज में दो दिनों पूर्व गांवपालिका के पूजा स्थलों के पास इन्हें देखे जाने से सुरक्षा निकाय और खुफिया महकमे के कान खड़े हो गए। सूचना के अनुसार पाकिस्तानी संदिग्धों ने कुछ अलग-अलग बैठकें भी की हैं।
फिलहाल भूमिगत हो गए हैं आतंकी
सुरक्षा निकाय की नज़र में आ जाने के बाद ये सभी संदिग्ध भूमिगत हो गए बताए जा रहे हैं। नेपाल सुरक्षा निकाय के अधिकारियों को सभी 7 संदिग्ध पाकिस्तानियों की गतिविधियां की पूरी फेहरिस्त और पासपोर्ट के नंबर भी उपलब्ध हो चुके हैं। भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार देश में जो आतंकियों के स्लीपर सेल ( Sleeper Cell ) काम रहे हैं, उन्होंने किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की रेकी भी कर ली है।
यह था कंधार अपहरण कांड
24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस की फ्लाईट आईसी-814 ( IC 814 Hijacking ) ने काठमांडू, नेपाल के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी थी। विमान में कुल 180 यात्री और क्रू मेंबर सवार थे। विमान एयरबस ए 300 थी। शाम के करीब साढे 5 बजे जैसे ही विमान भारतीय हवाई क्षेत्र में दाखिल हुआ, तभी बंदूकधारी आतंकियों ने विमान का अपहरण कर लिया और वे विमान को अमृतसर, लाहौर और दुबई होते हुए कंधार, अफगानिस्तान ले गए।
दुबई में छोड़े थे कुछ यात्री
कंधार जाने से पहले जब विमान को संयुक्त अरब अमीरात यानी दुबई में उतारा गया था, तब अपहरणकर्ताओं ने 176 यात्रियों में से 27 को दुबई में छोड़ दिया था। उन यात्रियों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे। वहीं रुपेन कात्याल नामक एक घायल यात्री को भी उतारा गया था, जिसे आतंकियों ने विमान में चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। बाद में रुपेन की मौत गई थी।