पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ( Manoj Jha ) ने पिछले दिनों मीडिया में खुलासा किया कि तेजस्वी यादव दिल्ली में हैं, मगर दिल्ली में क्या कर रहे हैं और किससे मिल रहे हैं, किसी से मिल-जुल रहे भी हैं या नहीं, इस बारे में झा ने कुछ नहीं बताया। पार्टी के प्रवक्ताओं को छुट्टी भी दे दी गई है। इसी दौरान आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष ने पिछले दिनों घोषणा कर डाली कि पार्टी का कोई प्रतिनिधि किसी पॉलिटिकल डिबेट में हिस्सा नहीं लेगा। ऐसे माहौल के बीच किसी मामले पर आरजेडी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया भी नहीं आ रही। बयानों पर ताले लग चुके हैं। उत्तर बिहार में एईएस से करीब दो सौ बच्चों की मौत और दक्षिणी तथा मध्य बिहार में गर्मी से तीन दिनों में ही करीब ढाई सौ मौतों के ज्वलंत सवालों पर विपक्ष के सबसे बड़े दल आरजेडी की तरफ से सरकार पर कोई हमला भी नहीं हुआ।
सबसे बड़ा सवाल उठता है कि विधानमंडल के आसन्न बजट सत्र में विपक्ष की अगुवाई कौन करेगा। विधान परिषद में तो राबड़ी देवी ( Rabdi devi ) विपक्ष की नेता हैं और कमान संभाल लेंगी पर विधानसभा में यह काम अब्दुल बारी सिद्दीकी करेंगे या कोई और, इस पर अब भी पूरी तरह संशय बना हुआ है। एक सवाल यह भी उठ रहा कि पिता लालू यादव के इशारे पर तेजस्वी यादव कहीं दिल्ली में भाजपा से कोई गणित साधने में तो नहीं लगे हैं। लालू यादव को 21 जून को बहुप्रतीक्षित जमानत नहीं मिल पाई। परिवार के सभी सदस्यों को जमानत मिलने का इंतजार था। तेजप्रताप यादव तो रांची जाकर पिता लालू यादव से मिल आए, पर तेजस्वी के ओझल रहने से कई गंभीर सवाल सतह पर जमे हुए हैं। जानकारों की मानें तो तेजस्वी यादव पिता की रिहाई को केंद्रबिंदु बनाकर सियासी सेटिंग्स मिशन में ही दिल्ली में भूमिगत तौर पर लगे हुए हैं।