आरजेडी सूत्रों ने बताया कि पार्टी बीस सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ने जा रही। इस लिहाज से शेष बीस सीटों में आठ से बारह पर कांग्रेस तथा शेष बची हुई सीटों पर रालोसपा, हम,शरद यादव की पार्टी और लेफ्ट में बंटवारा हो। दूसरा विकल्प आरजेडी के अट्ठारह सीटों तथा कांग्रेस के बारह सीटों और बाकी पर अन्य दलों का तालमेल को लेकर है। हालांकि इस पर आरजेडी कम ही तैयार हो रहा।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी तेरह सीटों की मांग कर रही है। हालांकि उसे आठ से बारह तक सीटें दी जा सकती हैं। रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा चार सीटों की मांग कर रहे हैं। मांझी और शरद यादव को एक—एक सीट दी जा सकती है। यदि आरजेडी बीस पर अड़ी रही तो कांग्रेस भी बारह से कम पर नहीं मानने वाली। सीटों का फॉर्मूला तय होने के लिए कांग्रेस नेतृत्व को लालू यादव और तेजस्वी यादव से बातचीत करनी है। इसमें आरजेडी तो इत्मिनान से है पर कांग्रेस में आतुरता बढ़ती जा रही है। बहुत जल्दी ही इस पर बातचीत के आसार व्यक्त किए जा रहे हैं। अंतिम रूप से लालू यादव की सहमति से ही सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर मुहर लगेगी।