हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका,आरजेडी निराश
दरअसल बिहार के मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता है। तबीयत खराब होने के चलते रांची के रिम्स में उनका इलाज चल रहा है। लालू प्रसाद यादव ने जमानत के लिए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। गुरूवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों (लालू के वकील और सीबीआई) की दलीलें सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया है। लालू को जमानत मिलने के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मुद्या पूरी तरह से सुलझ जाएगा और लालू के दखल से आरजेडी को अधिक सीटें मिल सकती है ऐसी आशा पाले बैठी आरजेडी के सपनों पर पानी फिर गया है। इस सिलसिले में आरजेडी और महागठबंधन के नेता पहले भी रिम्स जाकर लालू से मुलाकात कर चुके है। इस दौरान यह बात कही गई थी कि महागठबंधन ने आकार ले लिया है,सीट फार्मूला सुप्रीमो लालू से राय—मश्विरा कर तय किया जाएगा।
तेजस्वी नहीं पर्याप्त परिपक्व, रिम्स से चलेगी आरजेडी की राजनीति?
आरजेडी की कमान इस समय तेजस्वी के हाथों में है। पार्टी के दिग्गज नेता भले ही उनके साथ हो पर तेजस्वी में लालू जितनी राजनीतिक समझ और अनुभव नहीं है कि वह सीट शेयरिंग के मुद्ये को सुलझा सके। तेजप्रताप अलग ही अंदाज में राजनीति कर रहे है ऐसे में उन्हें अधिक तवज्जो नहीं दिया जा रहा है। लालू प्रसाद यादव कई गंभीर बिमारियों से जूझ रहे हैं। अगर वह ठीक भी हो जाते है तो भविष्य में उन्हें जेल में जाना होगा। ऐसे में लालू को अस्पताल या जेल में रहकर ही बिहार की राजनीतिक पटकथा में अपनी भूमिका अदा करनी होगी। ऐसे में महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को सुलझाने के लिए लालू पर निर्भर सभी नेता रिम्स और जेल के फेर में अटकते दिखाई दे रहे है। महागठबंधन में सीटों को लेकर कोई विवाद हो इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि मुख्य विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस में अधिक सीटें लेने को लेकर ठनी हुई है। इस मुद्ये को सुलझाने के लिए लालू जैसे राजनेता की दरकार है। कानून के जानकारों का कहना है कि बेल नहीं मिलने के बाद लालू के पास सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाने के अलावा ओर कोई विकल्प नहीं बचा हैं।
कहीं सच ना निकल जाए नीतीश की भविष्यवाणी
बात दें कि बीते दिनों नीतीश कुमार ने बिहार महागठबंधन के भविष्य पर सवाल खडे किए थे। नीतीश के बयान के बाद राजनीति गरमा गई थी। लालू ने हमला बोल नीतीश को दलबदलू और पलटूराम करार दिया था। पर अब लालू की जमानत याचिका खारिज होने के बाद महागठबंधन के भविष्य पर वास्तव में सवाल खडे हो गए है। झारखंड हाईकोर्ट के आज के फैसले के बाद महागठबंधन किस रणनीति पर काम करेगा यह समय आने पर ही तय होगा।