कई बार बाढ़ के दौरान लोग सरकारी तंत्र की नाकामी से आजिज आकर खुद ही कुछ ऐसा जुगाड़ खोज बैठते हैं कि उनकी दिनचर्या चलती रहती है।हालांकि उनका यह जतन बाकी दुनिया के लिए एक अनोखा आविश्कार जैसा नजर आने लगता है। जुगाड़ के जरिए काम निकालने का ऐसा ही एक नज़ारा फारबिसगंज में दिखा, जब दूल्हा-दुल्हन को साधनहीनता के बीच लोगों ने ड्रम की नाव पर सवार कर उसे ससुराल विदा कर दिया। बाढ़ की विकरालता में फंसे लोग सरकारी सहायता की बाट जोहे बगैर जुगाड़ तकनीक से अपनी मुश्किलें हल कर रहे हैं।
बाढ़ से घिरा यह इलाका पूर्णिया के फारबिसगंज में है। गांव के लोगों ने सड़क डूब जाने के कारण दूल्हा-दुल्हन को ड्रम की नाव पर सवार कर विदाई कर दी। दरअसल इलाके में परमान नदी का पानी कई गांवों में पूरी तरह फैल चुका है। राहत और बचाव कार्य अभी तक शुरू होने का इंतजार ही है। ऐसे में डूबी सड़कें और जलमग्न रास्तों से निराश हुए बिना एक परिवार ने अपनी लाड़ली की विदाई जुगाड़ तकनीक के सहारे की। ड्रम को जोड़कर बांस और चचरी के सहारे नाव बनाई और उसी पर दूल्हा-दुल्हन को सुरक्षित बिठाकर विदाई दी। यह नज़ारा औरों के लिए एक नजी़र पेश करता है। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर वायरल होने के बाद प्रशासन अपनी कछुआ चाल पर बेशक शर्मसार न हो, पर लोग बाढ़ की भयावहता से सिहर ज़रूर रहे हैं।