पूर्णिया का शेल्टर होम बुद्धवार देर शाम गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा। अंधाधुंध फायरिंग में बिजेंद्र कुमार की मौके पर ही मौत हो गई जबकि विशाल की अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में मौत हो गई। इससे पूर्व टीवी देखने के दौरान कफ सिरप कोरेक्स पीने के लिए बच्चों में जब्रस्त झगड़ा हुआ था। हाउसफादर ने तब बच्चों को खूब डांट लगाई थी।
हाउसफादर बिजेंद्र की डांट से बच्चे शांत होकर चले गये। टीवी चल ही रहा था कि दो बच्चों ने आकर अंधाधुंध फायरिंग कर हाउस फादर और एक बाल कैदी को मौत के घाट उतार दिया। गोलीबारी से दहशत और भागमभाग मच गयी। इसी दौरान अंधेरे का फायदा उठाकर चार बच्चे भाग निकले।
घटना के बाद जिला जज ने खुद जाकर पीड़ित परिवार से मिले और न्याय की आस बंधाई।जिलाधिकारी प्रदीप झा और एसपी विशाल शर्मा ने शेल्टर हैम जाकर हालात का जायजा लिया।एसपी ने कहा कि गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। बता दें कि शेल्टर होम में पहले भी हाउस फादर पर बच्चों से अमानवीय व्यवहार करने के आरोप लग चुके हैं और उसे निलंबित भी किया जा चुका है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट में पूर्णया शेल्टर होम के बच्चों पर जुल्म और शोषण का जिक्र किया गया था। सरकार ने अपने हाथ में सूबे के शेल्टर होम्स के संचालन का जिम्मा लेने का फैसला किया था। लेकिन अभी तक व्यवस्था नहीं बदली जा सकी है।यह भी गौर करने वाली महत्वपूर्ण बात है कि शेल्टर होम के बच्चों के पास आग्नेयास्त्र और प्रतिबंधित नशीली दवा कोरेक्स की खेप कहां से आ पहुंची।