सिंह ने कहा कि बिहार का जदयू-भाजपा गठबंधन ( BJP-JDU Alliance ) स्वार्थ पर टिका हुआ है। दोनों दलों के बीच मुद्दों पर मतभेद बने हुए हैं। धारा 370 और तीन तलाक से लेकर 35ए जैसे मुद्दों पर दोनों दलों में समानता नहीं है। जदयू नेतृत्व अक्सर भाजपा को राजनीतिक सामाजिक फरक पर असहज कर डालता है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह यहीं पर नहीं रुके। कहा कि बिहार में जब जब भाजपा की हवा बनती है तब केवल एक नेता की वजह से सब माहौल बिगड़ जाता है। सिंह का इशारा सुशील कुमार मोदी ( Sushil Kumar Modi ) की तरफ था।
बता दें कि बिहार भाजपा नीतीश सरकार में शामिल है और सुशील मोदी डिप्टी सीएम हैं। सुशील मोदी को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं कि उनके कारण ही भाजपा बिहार में जदयू की बी टीम बनी है।
गोपालनारायण सिंह ने कहा कि भाजपा को बिहार में अकेले विधानसभा चुनाव ( bihar assembly election ) लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता कुछ नेताओं के कारण असहज हो गये हैं जबकि सूबे में पार्टी के पक्ष में शानदार माहौल है। एईएस ( Acute Encephalitis Syndrome ) से बच्चों की मौत मामले पर उन्होंने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दे देने से कुछ नहीं होता। यह पूरी तरह राज्य सरकार की विफलता है।