भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने संवाददाता से कहा कि थोड़ा इंतजार तो कीजिए। सबकुछ सामने आ जाएगा। दरअसल भाजपा आरजेडी की बढ़ती लोकप्रियता से अधिक परेशान है। जबकि सत्तारूढ गठबंधन में रहते हुए भाजपा इससे गहरे आशंकित है कि सूबे में खराब कानून व्यवस्था और बिगड़ते जा रहे हालात का गुस्सा अगले चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू पर कम भाजपा पर अधिक उतरेगा।
लालू यादव के परिवार में उत्तराधिकारी को लेकर मचा बवाल वास्तव में इन दिनों सियासी सुर्खियों का हिस्सा बना है। तेजस्वी यादव पिछले दिनों लालू यादव के बुलावे पर उनसे रांची रिम्स में जाकर मिल आए हैं। लालू यादव ने उन्हें संगठन को धारदार बनाने और नीतीश सरकार पर आक्रामक तेवर बनाए रखने के कई टिप्स दिए। लालू यादव ने बड़ी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती को भी बुलावा भेजा था। लेकिन वह नहीं गयीं। मीसा ने पिछले दिनों यह बयान सोची समझी रणनीति के तहत देकर पारिवारिक कलह को पुष्ट कर दिया कि दोनों भाइयों तेजप्रताप और तेजस्वी यादव के बीच उत्तराधिकारी को लूकर खूब खींचतान है।
जानकार बताते हैं उत्तराधिकारी की जंग में मीसा भारती भी एक बड़ा फैक्टर हैं। वह चाहती हैं कि दोनों भाई ऐसे ही क्लेश में उलझे रहे और आरजेडी के नेतृत्व की गोलबंदी उनके आभामंडल के इर्द गिर्द हो। यह बात तेजस्वी भी बखूबी समझ रहे बताए जाते हैं। लिहाजा उन्होंने संयमित रहकर मां राबड़ी देवी और पिता लालू यादव के नेक इशारों का अनुशरण करते नज़र आ रहे हैं। नवरात्र के कलश स्थापना के मौके पर राबड़ी देवी के साथ पूजा में लीन तेजस्वी ने शांतिपूर्वक यही संदेश संचारित होने दिए। जबकि बयानबाजी के बाद मीसा सीन से गायब देखी जा रही हैं।
उधर तेजप्रताप ने ट्वीट कर भाइयों में क्लेश संबंधी मीसा के बयान को खंडित कर डाला और खुद धार्मिक यात्राओं पर निकल गए। असल में पारिवारिक मतभेद को तेजप्रताप ही बढ़ावा देते आ रहे हैं उनके बयान और ट्वीट विरक्त होने और सत्तासंघर्ष को पुष्ट करने वाले साबित होते रहे हैं। इससे दल के दूसरे बड़े नेता खुद को ठगा हुआ और असहज महसूस करते आ रहे हैं। तेजप्रताप लालू शैली के लिए जाने जाते हैं जबकि तेजस्वी छोटे रहते हुए भी हीं अधिक शांत और समझदारी के साथ काम करते दिखते हैं।