scriptमुफ्त में बदनाम हो गई मुज्जफरपुर की स्वादिष्ट लीची | Bihar News:Muzaffarpur's delicious litchi has become infamous for free | Patrika News

मुफ्त में बदनाम हो गई मुज्जफरपुर की स्वादिष्ट लीची

locationपटनाPublished: Sep 06, 2019 06:15:50 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

बच्चों की जानलेवा बीमारी ऐक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार की वज़ह मुजफ्फरपुर की ख्यात लीची नहीं है। बीमारी से मरे बच्चों में किसी तरह का जहर नहीं पाया गया।

मुफ्त में बदनाम हो गई मुज्जफरपुर की स्वादिष्ट लीची

मुफ्त में बदनाम हो गई मुज्जफरपुर की स्वादिष्ट लीची

Bihar News: मुजफ्फरपुर (प्रियरंजन भारती), बच्चों की जानलेवा बीमारी ऐक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) यानी चमकी बुखार ( Chamki Fever ) की वज़ह मुजफ्फरपुर की ख्यात लीची ( lichi) नहीं है। 2012से लेकर 2019 तक विभिन्न विशेषज्ञों ( Experts ) के शोध में ( Research ) बीमारी का कारण लीची को नहीं बताया है। हालांकि जब बीमारी फैली तो लीची खूब बदनाम हुई। अब इस धब्बे को मिटाने की जोरदार पहल शुरु की गई है।

जुलाई 2019में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों की बैठक में भी लीची को कारण नहीं माना गया। इस बार यह बीमारी तब फैली जब लीची का मौसम खत्म हो गया था। बीमारी से मरे बच्चों में किसी तरह का जहर नहीं पाया गया। इनमें ऐसे भी थे जो रात का खाना तो खाए पर लीची नहीं खाई।
चिकित्सकों का शोध लीची सही है
दिल्ली में जुलाई में हुई बैठक मे विशेषज्ञों ने लीची पर संदेह तो व्यक्त किया पर साड विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ इस पर एकमत नहीं हुए। सौ से अधिक डॉक्टरों की शोध ( Reasearch 100 doctors ) में यह निष्कर्ष निकल कर आया कि मई से जून तक मुजफ्फरपुर में जो गर्मी पड़ती है वह और क्षेत्रों से एकदम अलग ही होती है। यहां रात में बेहद अधिक तापमान रहता है। कुपोषण और खाली पेट रहने से बच्चे हाइपोग्लेसिमिया की चपेट में आ जाते हैं। इससे उन बच्चों का माइटोकॉन्ड्रिया फेल हो जाता है।

बिहार सरकार की नई पहल
कई संगठनों की मांग पर बिहार सरकार चमकी बुखार के मुख्य कारणों में से लीची को हटाने की पहल शुरु कर दी है। स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन को नोटिस भेजकर इस बारे में पहल करने को कहा है। विभाग के अधिकारी डॉ हतीश कुमार ने कहा कि लीची शुरु से ही बीमारी का कारण नहीं थी। इस वर्ष चमकी बुखार के 628 बच्चे भर्ती हुए थे जिनमें 165 से अधिक की मौत हो गई थी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो